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बालको की विभिन्न परियोजनाओं से लड़कियां बन रही हैं सशक्त

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छत्तीसगढ़
कोरबा-बालकोनगर/स्वराज टुडे: शक्ति की उपासना के ये नौ दिन, उर्जा आत्मसात करने के होते हैं। सही मायने में शक्ति को पहचानना ही नवरात्र उत्सव मनाना है। महिलाएं अपने आंतरिक शक्ति को पहचानते हुए समाज में खुद को सशक्त बना रही हैं। कंपनी ने स्थानीय समुदाय की लड़कियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उल्लेखनीय पहल कियें हैं। समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कंपनी के सामुदायिक विकास प्रयासों में प्रमुख स्तंभ है। लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन, पोषण और मार्गदर्शन में कंपनी द्वारा संचालित नंदघर, वेदांता स्किल स्कूल, नयी किरण एवं कनेक्ट परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं।

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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा नंद घर अत्याधुनिक आंगनवाड़ी मॉडल प्रदान करता है, जो ई-लर्निंग से सुसज्जित है। बच्चे की विकासात्मक यात्रा में स्कूली शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह आजीवन सीखने, मानसिक विकास और आवश्यक सामाजिक कौशल का निर्माण करता है। कंपनी, बाला (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) पेंटिंग और डिजिटल लर्निंग सहित इंटरैक्टिव लर्निंग मॉडल के माध्यम से सर्वोत्तम श्रेणी के पाठ्यक्रम प्रदान करने का काम कर रही है। बालको द्वारा संचालित 33 नंद घर में 50 प्रतिशत से अधिक 423 बच्चियां बेहतर शिक्षा एवं पोषण प्राप्त कर रही हैं।

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वर्ष 2016 में ‘परियोजना कनेक्ट’ की शुरूआत की गई। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से स्थानीय लड़कियों को आगामी पढ़ाई के लिए बेहतर अवसर प्राप्त हुए। कनेक्ट परियोजना के माध्यम से सेमा (विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और लेखा) विषयों पर नियमित कक्षाओं से छात्राएं लाभान्वित हुई हैं। साथ ही व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस परियोजना में कला, शिल्प, नृत्य, संगीत, कैलीग्राफी, स्पोकेन इंग्लिश, मिट्टी के बर्तन, योग और एरोबिक्स आदि का ज्ञान दिया जाता है।

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कंपनी ने समुदाय में नयी किरण परियोजना के अंतर्गत माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन पर जागरूकता अभियान चलाया। माहवारी संबंधी मिथकों और भ्रांतियों को दूर करते हुए स्वच्छता प्रथाओं को विकसित किया है। कंपनी ने छत्तीसगढ़ राज्य में जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से 48,000 से अधिक लोगों को जागरूक किया है। इसकी मदद से लड़कियां खुलकर माहवारी जैसे विषय पर बात कर रही हैं।

रोजगारपरक कौशल से स्वावंलबी बनाने के उद्देश्य से बालको ने 2010 में वेदांता स्किल स्कूल की स्थापना की थी। वित्तीय वर्ष 2024 में 1241 प्रशिक्षार्थियों को कार्यक्रम से लाभ हुआ जिनमें 72% छात्राएं थीं। वेदांता स्किल कुल सात ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। 45 से 60 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इससे स्थानीय लड़कियों को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हुए हैं तथा वो बाधाओं को पीछे छोड़ राष्ट्र विकास में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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