अब उत्तराखंड में मिला ‘बारूद का सामान’, अल्मोड़ा के स्कूल परिसर की झाड़ियों में छिपा कर रखा था

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अल्मोड़ा/स्वराज टुडे: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई. राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा परिसर में झाड़ियों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए हैं.

पुलिस के अनुसार, कुल 161 जिलेटिन की बेलनाकार छड़ें मिलीं, जिन्हें झाड़ियों में छिपाकर रखा गया था. घटना का खुलासा तब हुआ जब विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य सुभाष सिंह को झाड़ियों में संदिग्ध पैकेट दिखाई दिए. उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. इसके बाद अपर उपनिरीक्षक दीवान सिंह बिष्ट और लोमेश कुमार टीम सहित मौके पर पहुंचे और इलाके की घेराबंदी की.

दो पड़ोसी जिलों की टीमें शामिल

तलाशी अभियान में ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों की बीडीएस टीम और डॉग स्क्वॉड भी शामिल हुई. डॉग मौली और रैम्बो की मदद से विस्तृत तलाशी की गई. पहली जगह से कुछ पैकेट और लगभग 15-20 फीट आगे दूसरी जगह से और पैकेट बरामद हुए.

अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज

बम निरोधक दस्ते ने सभी पैकेट इकट्ठे कर सुरक्षित जगह पर रखा और सील पैक कर दिया. पुलिस ने इस मामले में धारा 4(A) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 और 288 बीएनएस के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

अल्मोड़ा के एसएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा को देखते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी.

किस इस्तेमाल में ली जाती हैं जिलेटिन की छड़ें

आपको बता दें कि जिलेटिन की छड़ें आमतौर पर विस्फोटक सामग्री के रूप में इस्तेमाल होती हैं. ये मुख्य रूप से खनन, सड़क निर्माण, सुरंग बनाने और पत्थर तोड़ने जैसे कार्यों में नियंत्रित विस्फोट के लिए उपयोग की जाती हैं.

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जिलेटिन स्टिक में नाइट्रोग्लिसरीन और अन्य रसायन होते हैं, जो इसे शक्तिशाली विस्फोटक बनाते हैं. इसे डेटोनेटर और फ्यूज के साथ जोड़कर विस्फोट किया जाता है. यह अत्यधिक खतरनाक होती है और गलत तरीके से संभालने पर बड़ा हादसा हो सकता है.

जिलेटिन रखना गैरकानूनी

बिना लाइसेंस या अनुमति के जिलेटिन स्टिक रखना गैरकानूनी है. भारत में इसके लिए Explosives Act, 1908 के तहत सख्त नियम हैं.

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दीपक साहू

संपादक

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