छत्तीसगढ़
बीजापुर/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ के डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके के खिलाफ रेप केस दर्ज हुआ है। रेप केस दर्ज होने के बाद से डिप्टी कलेक्टर छुट्टी पर हैं। वह बीजापुर में पदस्थ हैं। रेप केस में अब पीड़िता ने मुख्य सचिव को लेटर लिखा है।
महिला आरक्षक पीड़िता ने मुख्य सचिव को लिखे लेटर पर आरोप लगाया है कि FIR दर्ज होने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया बल्कि उसे छुट्टी दी गई जिससे वह फरार हो गया।
पीड़िता ने सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत कार्रवाई की मांग की है। मामला डौंडी थाना क्षेत्र का है। थाना प्रभारी उमा ठाकुर ने बताया कि आरोपी की पतासाजी की जा रही है। पुलिस उसे जल्द गिरफ्तार करेगी। इसके अलावा पीड़िता ने कहा कि समाज और युवक के परिजन उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
क्या है पीड़िता का आरोप
पीड़िता का आरोप है कि साल 2017 से 2025 के बीच डिप्टी कलेक्टर ने तीन बार जबरन उसका गर्भपात कराया। वह शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसके बाद जून 2025 में उसने शादी करने से इंकार कर दिया। पीड़िता ने बताया कि विवाह से इनकार करने के बाद भी वह लगातार दिलीप से बात करने की कोशिश करती रही लेकिन उसने फोन उठाना बंद कर दिया।
पीड़िता ने बताया कि दिलीप उइके ने उनसे कहा कि- तुम मुझसे नहीं मेरे वकील से बात करो। लंबे समय तक मनाने की कोशिश के बावजूद वह नहीं माना जिसके बाद उसने डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराया।
जमानत याचिका हो गई खारिज
रेप के आरोपी डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके की अग्रिम जमानत याचिका जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। पीड़िता ने आर्थिक शोषण और धोखाधड़ी के अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए बैंक स्टेटमेंट को डौंडी थाने में सबूत के रूप में पेश किया था।
पढ़ाई के दौरान मिले थे
पीड़िता ने बताया कि आरोपी से मुलाकात पढ़ाई के दौरान हुई जिसके बाद दोनों में प्यार हुआ। इसके बाद महिला का आरक्षक पद पर सिलेक्शन हो गया जबकि युवक डिप्टी कलेक्टर बन गया। डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद वह युवती को अंडमान लेकर गया था जहां उसने रिलेशन बनाया।
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