पानीपत/स्वराज टुडे: हरियाणा के पानीपत में पुलिस ने फर्जी DSP सुमित आहूजा को गिरफ्तार किया है। आरोपी कई महीनों से पुलिस के लिए सिर दर्द बना हुआ था। शिकायत मिलने के बाद से पुलिस उसे पकड़ने के लिए पानीपत के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों समेत कई राज्यों में दबिश दे चुकी थी। आखिरकार आरोपी को पुलिस ने शहर के 8 मरला इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने गुरुवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। सुमित खुद को इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो पंचकूला में DSP तो पत्नी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अधिकारी बताता था।
12वीं पास सुमित हूटर लगी गाड़ी, अफसरों जैसा रुतबा और झूठे वादों के दम पर न सिर्फ आम लोगों को, बल्कि पुलिस अधिकारियों तक को गुमराह करता रहा। सुमित इंस्पेक्टरों की पूरी कुंडली रखता था। होटलों में वीवीआईपी ट्रीटमेंट लेता।
वह महंगी शराब का शौकीन था। उसने एक व्यक्ति से 1.80 लाख कीमत की 2 बोतल ली थीं। इसके साथ गाड़ी में 10 हजार की कीमत वाली बोतलें रखता था। सुमित कैसे बना फर्जी DSP और क्या-क्या कारनामे किए, पूरी कहानी पढ़ें…
स्कूल में शरारती, पंजाब में शादी हुई
पानीपत शहर के जाटल रोड के पास एक कॉलोनी में सुमित आहूजा का जन्म हुआ। उसने निजी स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई की। वह स्कूल में शरारती था। सुमित का एक छोटा भाई है। सुमित की शादी 2020 में लॉकडाउन के दौरान पंजाब की तनवीर संधू से हुई। शादी के बाद कोई बच्चा नहीं है। माता-पिता जाटल रोड पर स्थित मकान में रहते हैं। जबकि वह अपनी पत्नी के साथ मॉडल टाउन स्थित किराए के मकान में रहता है।
लघु सचिवालय में करता था कमीशनखोरी का काम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुमित पानीपत के लघु सचिवालय में कमीशनखोरी का काम करता था। उस वक्त के उच्च अधिकारियों ने इसकी गतिविधियां देखते हुए 2013 में इसकी एंट्री सचिवालय परिसर में बैन कर दी थी। इसके बाद वह बेरोजगार हुआ तो उसने लोगों के बीच अपनी छवि दबंग अफसरों की तरह बनानी शुरू की।
बेरोजगार होने के बाद खुद को DSP बताया
वह लोगों में एसडीएम कार्यालय में अटके हुए काम करवा कर पहले ही छवि को मजबूत बना चुका था। अब लोगों से इसने संपर्क शुरू किया। उसने लोगों को खुद को पंचकूला में पुलिस के इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो का डीएसपी नियुक्त होने की बात कहकर फंसे हुए काम हल करवाने की बात कही।
गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती लगाई, शराब की महंगी बोतलें रखीं
सुमित एक सफेद गाड़ी रखता था। जिसमें उसने हूटर के अलावा लाल-नीली बत्ती लगाई हुई थी। गाड़ी में महंगी से महंगी शराब की बोतल रखता था। इससे वह लोगों में इंप्रेशन जमाता था। इसके अलावा वह लोगों के काम कई जगहों पर वॉट्सऐप पर कॉल करके कराता था। केस से संबंधित बातचीत करता था। इससे भी लोगों में उसके प्रति विश्वास बनता रहा।
हरियाणा के कई इंस्पेक्टरों की रखता था पूरी कुंडली
सुमित अपनी बातों के जाल में लोगों को उलझा लेता था। उसने इंस्पेक्टरों के पिछले इतिहास समेत प्रमोशन, रिटायरमेंट की तारीखें भी जुटाई। इसके बाद वह किसी भी इंस्पेक्टर को कॉल करता और उन्हें अपना परिचय डीएसपी के रूप में ही देता। इंस्पेक्टरों से भी बात इस तरह से करता था कि वे भी उसके झांसे में आ जाते थे।
महंगे फाइव स्टार होटल में रुकता था
सुमित ट्रांसफर, नौकरी पर सेट करवाना, विदेश भेजने समेत अन्य काम करवाने की बात कहता था। इसके अलावा वह महंगे से महंगे फाइव स्टार होटल में खुद को डीएसपी बताकर कमरा खुलवाता था और वीवीआईपी ट्रीटमेंट लेता था।
फर्जी DSP पकड़ में कैसे आया, 7 पॉइंट में पढ़ें…
1. गाड़ी की सर्विस कराने के दौरान सुमित से मुलाकात हुई पानीपत के DSP सतीश वत्स ने बताया कि SP ऑफिस में दत्ता कॉलोनी के रहने वाले अमित शर्मा ने शिकायत में बताया था कि उसका एवी सिक्योरिटी सर्विस के नाम से मॉडल टाउन में ऑफिस है। वह सिक्योरिटी के लिए मैनपावर उपलब्ध कराने का काम करता है। जाटल रोड नहर के पास स्थित कार वर्ल्ड पर वह अपनी गाड़ी की सर्विस कराने के लिए गया था। वहां उसकी सुमित व उसकी पत्नी तनवीर संधु से मुलाकात हुई। सुमित ने अपने आप को डीएसपी बताते हुए इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो पंचकूला में तैनाती बताई, जबकि पत्नी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अधिकारी बताया। उसने दंपती की बातों पर विश्वास कर लिया।
2. काम होने का आश्वासन देकर पैसे ट्रांसफर करवाए 5 जनवरी 2025 को उसका सेविंग अकाउंट सीज हो गया। उसने सुमित से बात की। सुमित ने उसके सामने अपने मोबाइल में डीसीपी साउथ जोन मुंबई के नाम से सेव नंबर पर बात की। इसके अगले दिन किसी वकील से भी बात होने के बारे में कहा। काम होने का आश्वासन देकर फीस के नाम पर उससे खाते में 40 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए।
3. पंजाब युनिवर्सिटी में सिक्योरिटी का टेंडर दिलाने की बात कही इसके बाद 14 जनवरी 2025 को सुमित ने उसके पास फोन कर कहा पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी में 4 हजार व्यक्तियों का टेंडर आया है। यूनिवर्सिटी का डायरेक्टर उसके परिवार का आदमी है। उसको सिक्योरिटी का टेंडर दिलवाने की बात कह दस्तावेजों की लिस्ट भेज दी।
4. पंजाब सचिवालय ले गया, 11 लाख रुपए मांगे टेंडर की बातचीत करने का झांसा देकर 22 जनवरी 2025 को चंडीगढ़ स्थित पंजाब सचिवालय में ले गया। वहां उसको गाड़ी में बैठाकर खुद अंदर चला गया और कुछ देर बाद बाहर आकर कहा कि बात हो गई है। 11 लाख रुपए आज ही देने होंगे। उसने पैसे बारे असमर्थता जताई तो सुमित ने कहा वह अपने पास से आज पैसे दे देगा, तुम कल दे देना।
आरोपी सुमित को कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।
5. पैसे देने के बाद काम के बारे में पूछा तो बहाने बनाने लगा इसके बाद उसने देर रात पानीपत पहुंचकर दोस्त रॉबिन से 7.50 लाख रुपए लेकर सुमित को दे दिए। बाकी के 3.50 लाख रुपए 23 जनवरी को आढ़ती से लेकर दे दिए। इसके अतिरिक्त टेंडर की फीस के नाम पर 6 हजार रूपए खाते में ट्रांसफर करवा लिए। पैसे देने के बाद उसने काम के बारे में पूछा तो बहाने बनाने शुरू कर दिए। इसके बाद उसको सुमित पर शक हुआ।
6. बड़े अधिकारियों के साथ जान पहचान बता कर धमकाया इसके बाद सुमित ने बड़े अधिकारियों के साथ अपनी जान पहचान होने की बात कहकर धमकाना शुरू कर दिया और सब कुछ भूल जाने के लिए कहा। वह मॉडल टाउन स्थित सावन पार्क में आरोपी के ठिकाने पर गए तो मकान मालिक ने बताया दंपती किराए पर रहते हैं और कई दिन से नहीं आए हैं। आरोपी दंपती ने झांसे में लेकर उससे ठगी कर ली। अमित की शिकायत पर आरोपी दंपती के खिलाफ थाना पुराना औद्योगिक में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
7. करनाल में धोखाधड़ी का केस दर्ज इसकी जांच सीआईए टू प्रभारी इंस्पेक्टर फूल कुमार की टीम को सौंपी थी। टीम ने बुधवार को गुप्त सूचना पर दबिश देकर आरोपी सुमित को आठ मरला से गिरफ्तार किया। सुमित के खिलाफ धोखाधड़ी का एक अन्य मामला करनाल जिले के रामनगर थाना में दर्ज है। आरोपी ने करनाल की एक कॉलोनी में रहने वाले युवक को विदेश भेजने के नाम पर 12 लाख रुपए की ठगी की थी।
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