
छत्तीसगढ़
सुकमा/स्वराज टुडे: कुछ दिनों पूर्व सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसने पूरी इंसानियत को हिला कर रख दिया था । वीडियो में कुछ युवक भालू के साथ दरिंदगी करते हुए दिखे थे । भालू के पैरों को जंजीर से बांधा गया था। उसके बाल और कान बड़ी बेरहमी से खिंचे जा रहे थे। मार मारकर भालू के मुंह को लहूलुहान कर दिया गया था। दर्द से भालू तड़प रहा था लेकिन युवकों को उस पर जरा भी दया नहीं आ रही थी । वायरल वीडियो के आधार पर जांच शुरू हुई तो पता चला कि यह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की घटना है । अब भालू के साथ क्रूरता के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। भालू के साथ हुए क्रूरता पूर्वक व्यवहार और उसकी हत्या मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं इसे लेकर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वन्य जीव हमारे अमूल्य वन सम्पदा हैं. इनकी सुरक्षा और संवर्धन की जिम्मेदारी शासन, वन प्रशासन के साथ वनों में रहने वाले लोगों की भी है.
बता दें कि विभिन्न सामचार पत्रों के माध्यम से भालू के साथ हुए क्रूरता पूर्वक व्यवहार और उसकी हत्या मामले में प्रकाशित समाचार के आधार पर हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष PIL फाईल किया गया है. इस मामले को वन मंत्री केदार कश्यप ने अक्षम्य अपराध मानते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छ’ग. तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक, (व.प्रा.) को कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
मुख्य वन संरक्षक, जगदलपुर वृत्त, जगदलपुर ने वन मंत्री के निर्देशानुसार प्रकरण की फौरन जांच जांच कमीटी की ओर से की गई. वायरल वीडियो को देख कर मुख्य वन संरक्षक, जगदलपुर के द्वारा संभावना व्यक्त की गई कि यह घटना सुकमा क्षेत्र का हो सकता है. इस आधार पर वनमण्डलाधिकारी सुकमा के द्वारा तत्काल एक टीम गठित कर जांच प्रारंभ की गई. सभी परिक्षेत्र अधिकारी और परिसर रक्षकों को अपने क्षेत्र के गांवों एवं वनक्षेत्रों में सघन पतासाजी कराने, क्षेत्र के आवासीय स्कूलों में, पोटा कैबिनों में अध्ययनरत छात्रों, शिक्षक, संदिग्ध ग्रामीणों की सूचीबद्ध कर विस्तृत जांच करने के निर्देश दिये गए.
की गई इनाम की घोषणा
वनमंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर समाचार पत्रों के माध्यम से समाचार प्रकाशित कराया गया कि भालू को जख्मी करने वाले का पता बताने वाले को वन विभाग के द्वारा 10,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा. पता बताने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा.
प्रकरण की जांच प्रकिया में लापता वन अपराध प्रकरण क्रमांक 16/393 दिनांक 11.04.2025 को दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई. विभिन्न स्थलों एवं विभिन्न श्रोतों से प्राप्त सूचनाओं का संकलन कर विश्लेषण किया गया. इस आधार पर घटना क्षेत्र किस्टाराम क्षेत्र होने की संभावना पाई गई. संभावित घटना स्थल ग्राम डब्बा मरका, क्षेत्र का ग्राम पुट्टपाइ के आरोपी वंडो भीमा और चंडो देवा चिन्हित किए गए.
सुरक्षाबलों के सहयोग से पहुंचा जांच दल
पुलिस और सुरक्षा बलों के सहयोग से जांच दल दिनांक 13.04.2025 को ग्राम पुट्टेपाङ क्षेत्र भेजा गया, लेकिन आरोपी गांव में नहीं पाए गए. दोनों आरोपियों के फरार होने की आशंका जताई गई. इसके बाद तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण पुलिस अधीक्षक, जिला भद्रकाली (कोत्तागुइन) तेलंगाना एवं वनमण्डलाधिकारी, भद्राचलम वनमहल (तेलंगाना) को आवश्यक सहयोग हेतु इसकी सूचना दी गई
जांच दल सक्रियता से क्षेत्र पर तैनात थे. प्राप्त सूचनाओ को आदन प्रदान करते रहे. इसी दौरान आरोपियों का पता चला तब दिनांक 14.04.2025 को दोनों आरोपी पकड़े गए.
क्या बोले वन मंत्री?
मामले को लेकर वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वन्य जीव हमारा अमूल्य वन सम्पदा है. जिसकी सुरक्षा और संवर्धन की जिम्मेदारी शासन, वन प्रशासन के साथ वनों में रहने वाले लोगों की भी है. भालू के साथ क्रूरता का जो वीडियो सामने आया था वह बहुत ही दुखद था. मामले में वन विभाग को कार्रवाई करने का दिशा निर्देश दिया गया था. इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. कानूनी कार्रवाई के साथ न्यायालय के समक्ष उन्हें प्रस्तुत कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
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