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सक्सेस स्टोरी: सिर्फ ₹4,000 से शुरू किया बिजनेस, आज ₹2.5 लाख महीने की कमाई, मां-बेटे ने मिलकर ऐसे किया कमाल

मध्य प्रदेश के शाडोरा गांव की सरोज प्रजापति ने अपने बेटे अमित के साथ मिलकर ‘मॉम्स मैजिक पिकल इंडिया’ की नींव रखी। सिर्फ 4,000 रुपये के निवेश से उन्होंने यह व्यवसाय शुरू किया था। अब इससे वह हर महीने 2.5 लाख रुपये कमा रही हैं। सरोज ने 30 महिलाओं को रोजगार दिया हुआ है।

नई दिल्‍ली/स्वराज टुडे:  मध्य प्रदेश के अशोक नगर की रहने वाली 43 वर्षीय सरोज प्रजापति ने अपने बेटे अमित की मदद से अचार का बिजनेस शुरू किया। आज वह हर महीने 2.5 लाख रुपये कमा रही हैं। शुरुआत में उन्होंने सिर्फ 4,000 रुपये से अपने घर के किचन से ‘मॉम्स मैजिक पिकल इंडिया’ की शुरुआत की थी। बिना स्कूल गए सरोज अब 30 स्थानीय महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। आइए, यहां सरोज की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

मां-बेटे की जोड़ी ने ऐसे की शुरुआत

दो बच्चों की मां और एक गृहिणी होने के नाते सरोज हमेशा से कुछ करने और अपना नाम बनाने का सपना देखती थीं। जब उन्होंने एक टीवी शो में देखा कि कैसे दो गृहिणियों ने अपने घर के अचार को बिजनेस बनाया तो उन्हें एहसास हुआ कि यही तो वह करना चाहती हैं। उनके अचार, खासकर आम के अचार की, रिश्तेदारों और दोस्तों में हमेशा से ही मांग रहती थी। सरोज के 19 साल के बेटे अमित प्रजापति ब्रांड बिल्डिंग और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाते हैं। अमित ने पिछले साल जून में अपनी मां के ब्रांड ‘मॉम्स मैजिक पिकल इंडिया’ के लिए सोशल मीडिया पेज बनाए। कुछ विज्ञापन चलाए और जल्द ही उन्हें अपना पहला ऑर्डर मिल गया।

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हर महीने 2.5 लाख की कमाई

सरोज जहां अचार बनातीं और पैक करतीं तो अमित उन्हें ब्रांड करने, लेबल लगाने और भेजने में उनकी मदद करते। अगले कुछ महीनों में उनका व्यवसाय बढ़ता गया। उन्हें एक बड़ा स्थान लेने के साथ महिलाओं को काम पर रखना पड़ा। आज 43 वर्षीय सरोज अपना व्यवसाय शुरू करने के बाद हर महीने 2.5 लाख रुपये कमाती हैं। कभी स्कूल नहीं गईं सरोज 30 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।

15 साल की उम्र से बना रही हैं अचार

मध्य प्रदेश के बरखेड़ी गांव में जन्मीं सरोज नौ बेटियों में से एक थीं। उनके माता-पिता किसान थे। उनके लिए शिक्षा के ज्यादा अवसर नहीं थे। उन्होंने अपना बचपन खेतों में अपनी मां को खाना और अचार बनाते देखते हुए बिताया। धीरे-धीरे उनसे यह हुनर ​​सीख लिया। हालांकि, उन्होंने हर तरह का खाना बनाना सीखा, लेकिन उन्हें अचार बनाने में सबसे ज्यादा मजा आता था। सरोज ने पहली बार 15 साल की उम्र में कच्चे आम का अचार बनाया था। तब उन्हें क्या पता था कि लगभग 18 साल बाद यही अचार उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।

आज कई तरह का बनाती हैं अचार

सरोज की शादी 20 साल की उम्र में हो गई थी। वह ब्‍याह के बाद शाडोरा चली आईं। जल्द ही सरोज घर की जिम्मेदारियों और अपने दो बच्चों की देखभाल में व्यस्त हो गईं। लेकिन, उनके पति ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। आठ साल तक वह गांव की सरपंच भी रहीं। सरपंच पद छोड़ने के बाद सरोज घर के कामों में व्यस्त हो गईं। जल्द ही उनके दोनों बच्चे कॉलेज चले गए। उनके मन में कुछ करने की तमन्ना और प्रबल हो गई। केवल आम के अचार से शुरुआत करते हुए उन्होंने जल्द ही हरी मिर्च, नींबू, मिक्‍स सब्जी और मीठे आम जैसे और अचार भी बनाने शुरू कर दिए। उनके उत्पाद बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों की तुलना में सस्ते हैं। सभी अचार बिना केमिकल और प्रिजर्वेटिव के बनाए जाते हैं।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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