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पाकिस्तान में फिर से हाई-प्रोफाइल हत्या: मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई की गोली मारकर हत्या

इस्लामाबाद/स्वराज टुडे: पाकिस्तान में एक बार फिर से एक महत्वपूर्ण हत्या की घटना सामने आई है। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में अज्ञात हमलावरों ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के वरिष्ठ नेता मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई को गोली मार दिया।

यह हमला क्वेटा एयरपोर्ट के निकट हुआ, जिसमें नूरजई गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

पाकिस्तान में बढ़ती हत्याएं

पाकिस्तान में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों और नेताओं की हत्याएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले तीन सालों में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों की हत्या की जा चुकी है।

हमले की जिम्मेदारी का सवाल

क्वेटा में हुई इस हत्या के संबंध में अभी तक किसी संगठन या व्यक्ति ने जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठनों के बीच टकराव और आंतरिक कलह बढ़ रही है।

लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर की हत्या

हाल ही में पाकिस्तान में एक और हाई-प्रोफाइल हत्या हुई थी। जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों के लिए वांछित लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ अबू कतल की 9 जून को पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

जिया-उर-रहमान का परिचय

रहमान को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता था। वह जम्मू-कश्मीर के पूंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। उसने 2000 के दशक की शुरुआत में भारत में घुसपैठ की थी, लेकिन 2005 में पाकिस्तान लौट गया।

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NIA की जांच में खुलासे

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की जांच में यह सामने आया था कि जिया-उर-रहमान कई आतंकी हमलों में शामिल था। 2023 में राजौरी के डांगरी गांव में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमले में उसकी भूमिका पाई गई थी। इस हमले में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 5 लोगों की हत्या कर दी थी और एक IED विस्फोट से दो और लोगों की जान चली गई थी।

शिव खोड़ी हमले का मास्टरमाइंड

रहमान को 9 जून 2024 को दर्शन के लिए शिव खोड़ी मंदिर जा रही श्रद्धालुओं की बस पर हुए हमले का मास्टरमाइंड भी माना जाता था। इस हमले में नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 41 अन्य घायल हो गए थे।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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