
नई दिल्ली/स्वराज टुडे: सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूलों में टीचर बनने के लिए बीएड डिग्री की मांग की जाती है. इसके बाद ग्रेजुएशन के बाद लिए छात्रों को कोर्स करना होता है. नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार बीएड कोर्स की मान्यता खत्म करने का फैसला लिया जा रहा है. बीएड डिग्री की जगह अब नया कोर्स लॉन्च किया जाने वाला है. कई बड़ी यूनिवर्सिटी में ये कोर्स शुरू भी हो चुका है.
क्या है बीएड कोर्स?
BEd का पूरा नाम बैचलर ऑफ एजुकेशन है. यह एक प्रोफेशनल ग्रेजुएशन प्रोग्राम है. टीचिंग के सेक्टर में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को यह कोर्स ग्रेजुएशन के बाद करना होता है. बता दें कि इस कोर्स में पढ़ाने का तरीका और स्पेशल सब्जेक्ट की डिटेल नॉलेज होती है. नई शिक्षा नीति में अब इस कोर्स को बंद करने का फैसला लिया जा रहा है.
क्या है आईटीईपी कोर्स?
टीचिंग सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत बीएड की जगह नया इंटीग्रेटेड प्रोग्राम लॉन्च हो चुका है. इस कोर्स का नाम इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) है. इसे नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी (NCTE) की ओर से तैयार किया गया है. इसे हायर एजुकेशन सिस्टम में शामिल किया जा रहा है.
नई शिक्षा नीति के अनुसार, इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) कोर्स को स्कूल संरचना के आधार पर तैयारकिया गया है. इसमें शिक्षकों को बुनियादी, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक चरणों के लिए तैयार किया जाएगा.
कितने साल का ITEP कोर्स?
आईटीईपी कोर्स चार साल की अवधि का होगा. इसमें 12वीं के बाद ही एडमिशन ले सकते हैं. इसे बीएड से अलग कोर्स बताया जा रहा है. बता दें कि आईटीईपी कोर्स कई बड़ी यूनिवर्सिटी में शुरू कर दिया गया है. इसे साल 2023 में ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो कॉलेजों में शुरू किया गया है.
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