कोरबा के इतिहास में आगजनी की सबसे बड़ी घटना, पूरे शहर में दुःख और संवेदना की लहर, जानिए कब कब क्या हुआ

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छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा के इतिहास में आगजनी की इतनी बड़ी घटना पहले कभी नहीं हुई थी । 19 जून के इस काले दिन को कोरबा की जनता कभी नहीं भूल पाएगी । आइए जानते हैं आखिर कहां कैसी चूक हुई कि आधा दर्जन से ज्यादा दुकानें देखते ही देखते जलकर खाक हो गई जिसमें व्यवसायियों को करोड़ों का नुकसान हो गया। जिस कॉम्प्लेक्स में दुकानदारों और ग्राहकों से माहौल गुलजार हुआ करती थी वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ है ।

बिजली विभाग द्वारा लगाए गए डिस्टिब्यूशन बाॅक्स के केवल से उठी चिंगारी

शहर के हृदय स्थल ट्रांसपाेर्ट नगर चौक पर व्यवसायिक संस्थान व दुकान, जिनमें कई बैंक व शाेरूम भी संचालित है। बिजली विभाग ने मुख्य मार्ग काे वायर फ्री जाेन बनाने के लिए करीब 1 दशक पहले अंडरग्राउंड केबल बिछाया था। कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली सप्लाई के लिए कुछ-कुछ दूरी पर डिस्टिब्यूशन बाॅक्स लगाया गया था। इसी कॉम्प्लेक्स में संचालित इलाहबाद बैंक के प्रवेश द्वार के पास भी डिस्टिब्यूशन बाॅक्स लगा था। साेमवार की दाेपहर करीब 1.15 बजे उक्त डिस्टिब्यूशन बाॅक्स के केबल में शार्ट-सर्किट से चिंगारी उठने लगी। जल्द ही इस चिंगारी ने आग का विकराल रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते साहेब प्लैनेट के विशाल शो रूम को अपनी चपेट में ले लिया । फिर एक के बाद एक आधा दर्जन से ज्यादा  दुकानें धू धू कर जलने लगी जिससे यहां अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। यहां माैजूद संचालकाें समेत कर्मचारियाें व ग्राहक ने बाहर निकलकर खुद की जान बचाई। वहीं प्रथम तल पर स्थित इलाहबाद बैंक व साहेब प्लैनेट में  माैजूद करीब 20-25 लाेग बैंक की खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई ।

दम घुटने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत

इस बीच कुछ लाेग फंसे रह गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के दाैरान रेस्क्यू टीम शाेरूम की खिड़कियाें काे ताेड़कर भीतर घुसी जहां एक युवती समेत 3 लाेग अचेत अवस्था पड़े थे। उन्हें बारी-बारी बाहर निकालकर मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल भेजा गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घाेषित कर दिया।

तीनों मृतकों में एक युवती रश्मि सिंह(25) चिरमिरी निवासी थी जाे एसईसीएल कालाेनी में रहने वाले अपने भाई के घर घुमने आई थी और घटना के दिन वो शॉपिंग के लिए साहेब प्लैनेट शाेरूम आई थी लेकिन उसे क्या पता था कि ये उसके जीवन का अंतिम दिन साबित होगा । उधर रश्मि के अलावा दाे अन्य मृतकों में मूलत: पामगढ़ व वर्तमान में पंप हाऊस निवासी देवेंद्र कुम्हार (45) जाे बैंक कर्मचारी थे व  करुमौह (रजगामार) निवासी शत्रुघ्न धिरहे (60) थे । शत्रुघ्न धिरहे अपने बेटे मनाेज के साथ रकम निकालने बैंक पहुंचे था । जब आगजनी की घटना हुई तो मनाेज किसी तरह खिड़की से बाहर कूद गया लेकिन उसके पिता घबराकर कूद नहीं सके और बचने के लिए शाेरूम के अंदर की ओर भागना उनके लिए जानलेवा साबित हो गया ।

उधर इस घटना में गंभीर रूप से घायल 12 में से 7 लोगों का उपचार श्वेता नर्सिंग होम में चल रहा है । मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन एवं शहरवासियों द्वारा प्रबंधन की मुक्त कंठ से सराहना की जा रही है ।

भीषण आग पर काबू पाने 10 दमकल के साथ संयुक्त रेस्क्यू टीम ने झोंक दी ताकत

आगजनी की सूचना पर सबसे पहले नगर सेना की दमकल टीम पहुंची। पुलिस कंट्राेल रूम से सभी उपक्रमाें की दमकल काे सूचना देकर पहुंचने को कहा गया। जिसके बाद नगर सेना की एक और टीम, बालकाे से 2 टीम, सीआईएसएफ एनटीपीसी की 2 टीम, डीएसपीएम, एचटीपीपी व एसईसीएल कुसमुंडा की 1-1 टीम मिलाकर कुल 10 दमकल टीम पहुंची। दमकल में पानी रिफलिंग के लिए नगर निगम की टैंकर लगी रही। वहीं ऊंचाई पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नगर निगम की 2 लिफ्टर पहुंच गए थे। आग काबू में नहीं आता देख शाेरूम के खिड़कियाें पर हुई जुड़ाई काे ताेड़ने के लिए पार्षद चंद्रलाेक सिंह की मदद लेकर एक्सीवेटर व हाइड्रा काे भी लगाया गया। संयुक्त टीम के प्रयास से साढ़े 4 घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। शहरवासियाें ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयाेग किया। घायलाें काे अस्पताल पहुंचाने बालकाे व स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस के साथ चिकित्सा टीम भी लगी रही।

कलेक्टर-एसपी समेत प्रशासन के समस्त  अधिकारी व कर्मचारी बचाव कार्य में डटे रहे 

शहर में आगजनी की बड़ी घटना हाेने की जानकारी मिलते ही दाेपहर में कलेक्टर संजीव झा समेत एसपी उदय किरण, नगर कमिश्नर प्रभाकर पांडेय, सीएमएचओ डाॅ. एसएन केसरी, एसडीएम सीमा पात्रे, तहसीलदार मुकेश देवांगन समेत तमाम प्रशासनिक-पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे। शाम 6 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद हुआ तब तक अधिकारी माैके पर डटे रहे। वहीं डीएसपी ट्रैफिक शिवचरण सिंह परिहार, सायबर सेल एवं बालकाे थाना प्रभारी निरीक्षक सनत साेनवानी, सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक नितीन उपाध्याय, उरगा थाना प्रभारी निरीक्षक तेजकुमार यादव के साथ उनकी टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवस्था बनाए रखने जुटी रही। सायबर सेल के जवान दमकल टीमाें के साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुटे रहे।


आगजनी के पूर्व कमर्शियल कंपलेक्स की तस्वीर


आगजनी के बाद बचा केवल भग्नावशेष

इतने बड़े हादसे के लिए आखिर कौन जिम्मेदार ?

ट्रांसपाेर्टनगर के जिस व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स में आगजनी की घटना हुई वह लगभग 40 वर्ष पहले 1984 में बनी थी। बिल्डिंग के पीछे हिस्से के भूतल में प्रेस काम्लेक्स संचालित है। दुकान व संस्थान लीज पर चल रही है। नगर निगम के बिल्डिंग के मरम्मत पर ज्यादा ध्यान नहीं देने के कारण ऊपर से छज्जा टूटकर गिरने लगा है। प्रेस काम्लेक्स में कई बार लाेग ऊपर से गिरे मलबे से बाल-बाल बचे हैं। बावजूद इसके इस भवन की मरम्मत की ओर निगम प्रशासन का ध्यान नहीं गया ।

जब केबल से उठने लगी चिंगारी तो वीडियो बनाने में मस्त रहे लोग

इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स के केबल से चिंगारी उठने लगी तो बचाए आग बुझाने के प्रयास करने के लोग वीडियो बनाने में मशगूल हो गए । वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अग्निशामक यंत्रों की भी कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे कि आग भड़कने से पहले ही चिंगारी को बुझाया जा सके । कुछ जागरूक दुकान संचालकों ने  तत्काल इसकी सूचना बिजली विभाग के कर्मचारियों को दी लेकिन घंटों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बिजली विभाग के ना कोई अधिकारी और ना कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे।

पूरे कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में नहीं था फायर सेफ्टी का इंतजाम 

रेस्क्यू टीम के मुताबिक पूरे भवन में फायर सेफ्टी का पर्याप्त इंतजाम नहीं था जिसके चलते इतनी बड़ी घटना घट गई । हालांकि बैंक में आगजनी से बचाव के लिए फायर फायटिंग सिस्टम लगा हुआ था लेकिन जानकारी के अभाव में किसी भी कर्मचारी ने घटना के दाैरान नीचे जाकर वहां लगी आग काे बुझाने के लिए उसका उपयाेग नहीं किया। यह वही बात हुई कि हाथ में छाता रहते हुए भी बारिश में भीगते रहे क्योंकि छाता खोलना नहीं आता था ।

रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधक बने तमाशबीन लोग 

एनटीपीसी बालको एवं जिला प्रशासन समेत विभिन्न विभागों की रेस्क्यू टीम अपनी जान जोखिम में डालकर जब रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी थी तब हजारों की संख्या में मौजूद तमाशबीनों की भीड़ बाधा उत्पन्न कर रही थी। घटनास्थल से हटने के लिए पुलिस द्वारा बार-बार समझाइश देने के बावजूद लोग अपने मोबाइल से वीडियो बनाने के लिए डटे रहे ।

पूरे शहर में दुख और संवेदना का आलम

इस भीषण अग्निकांड में साहेब प्लैनेट, लक्ष्मी टेलीकॉम, सिंह इंटरप्राइजेज और मोबाइल बाजार समेत 8 दुकानें जलकर पूरी तरह खाक हो गई है । इस घटना में करोड़ों का नुकसान उठाने वाले पीड़ित शोरूम संचालकों पर क्या गुजर रही इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है लेकिन शहरवासियों की संवेदनाएं उनके साथ जुड़ी हुई है । यही वजह है कि आज शहर की रफ्तार थम सी गई है , हर तरफ दुख और सहानुभूति का आलम साफ देखा जा सकता है ।

दीपक साहू

संपादक

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