एनटीपीसी कोरबा के पर्यावरण विभाग एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया विश्व सर्प दिवस, छात्रों एवं जन सामान्य को सर्प संरक्षण के लिए किया गया प्रेरित

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छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा विशिष्ट जैव विविधता और किंग कोबरा जैसे दुर्लभ वन्य जीवों से भरपूर है। इन विलक्षण प्राणियों और खासकर सर्प-सरीसृपों के संरक्षण की भी जिम्मेदारी हम सभी कोरबा वासियों की ही है। इस बात पर फोकस करते मंगलवार को छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई की टीम ने विश्व सर्प दिवस (World Snake Day) मनाया। इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 NTPC कोरबा में एक व्याख्यान सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। एनटीपीसी कोरबा के पर्यावरण विभाग एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के पर्यावरण विभाग की संयुक्त पहल पर हुए इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों और सेफ्टी विभाग के कर्मियों को जीव जगत से जुड़ी विशेष जानकारियां प्रदान की गई।

मंगलवार 16 जुलाई को NTPC कोरबा और छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को विश्व सर्प दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी में यह कार्यक्रम सुरक्षा, सतर्कता और जागरूकता को दृष्टिगत रखते हुए रखा गया था। सर्प दिवस पर हुए इस कार्यक्रम में एनटीपीसी डीजीएम पी के नंदी (पर्यावरण) प्रमुख अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

विशेष अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा से सुविख्यात वन्य जीव संरक्षणवादी रवि नायडू, विज्ञान सभा की राज्य संयुक्त सचिव एवं कमला नेहरू कॉलेज में जंतु विज्ञान की सहायक प्राध्यापक निधि सिंह उपस्थित रहीं। उन्होंने छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि सर्प पर्यावरण के एक महत्वपूर्ण जीव हैं। विश्व सर्प दिवस के अवसर पर सर्पों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाते हैं। इसी सन्दर्भ मे विज्ञान सभा द्वारा जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

कोरबा क्षेत्र विशालकाय किंग कोबरा समेत विभिन्न जैव विविधताओं से सुसज्जित क्षेत्र है। ऐसे में कोरबा वासियों की यह नैतिक जिम्मेदारी है, कि वे जैव संरक्षण और विशेषता सर्प संरक्षण के लिए अपना सहयोग प्रदान करें। एनटीपीसी डी जी एम पी के नंदी ने भी जन सामान्य, विद्यार्थियों एवं एनटीपीसी के FGD में कार्यरत कर्मियों को सर्प संरक्षण में योगदान के लिए प्रोत्साहित किया गया। रवि नायडू ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 वन्य जीवों और खासकर सांपों को पकड़ने, उन्हें मारने या उनसे खेलने के लिए क्या सजा का प्रावधान है, इस विषय पर सभी को जानकारी प्रदान की।

निधि सिंह ने पर्यावरण में सर्पों का महत्व, खाद्य श्रृंखला में उनकी भूमिका, विषैले एवं विषहीन सर्प की पहचान, उनसे जुड़े भ्रांतियां एवं अंधविश्वास विषय पर सभी को जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की ओर से निधि सिंह ने केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा के प्राचार्य एसके साहू एवं उनके टीचिंग स्टॉफ को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनटीपीसी के पर्यावरण विभाग, केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा का विशेष सहयोग रहा।

 

दीपक साहू

संपादक

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