
झारखंड
जमशेदपुर/स्वराज टुडे: झारखंड के जमशेदपुर से फर्जीवाड़ा का बड़ा मामला सामने आया है, जहां 3 हजार मुस्लिम समुदाय के बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया गया है. जबकि, उस प्रखंड में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है. यह मामला चाकूलिया प्रखंड के ललमटिया गांव की है, जहां पंचायत सचिव के यूजर आईडी से तीन हजार मुस्लिम समुदाय के बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया गया था, जबकि उस प्रखंड में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है.
जब यह मामला मीडिया में प्रमुखता से चला तब कहीं जाकर जिला प्रशासन एक्शन में आया और इस मामले की जांच शुरू की कि जब उस प्रखंड में एक भी परिवार मुस्लिम नहीं है, तब वहां तीन हजार बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र कैसे जारी कर दिया गया.
शासन ने तत्काल की ये कार्रवाई
इस मामले को लेकर जिला के डीसी अनन्य मित्तल ने एसडीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसके बाद जिस प्रज्ञा केंद्र से बच्चों का फेक जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. साथ ही जिस पंचायत सचिव का यूजर पासवर्ड इस्तेमाल हुआ था, उस पंचायत सचिव को भी निलंबित कर दिया गया है.
जिला के डीसी ने जानकारी देते हुए कहा कि मामला मीडिया में आने के बाद एक टीम बनाकर यह कर्रवाई की गईं. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले की जांच आगे भी की जाएगी और इतनी बड़ी लापरवाही पर किसी को बख्सा नहीं जाएगा. जब यह मामला मीडिया में आया तब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भी इस पर सवाल खड़ा किया था कि जिस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर वहां से इतने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र कैसे जारी हुआ है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
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