मध्यप्रदेश
रायसेन/स्वराज टुडे: कठोर कानून और लगातार पुलिस की कार्रवाई के बाद भी देश में लव जिहाद के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मुस्लिम युवकों के नाम बदलकर हिंदू लड़कियों को शिकार बनाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हिन्दू संगठनों और शासन प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद हिन्दू लड़कियां लव जिहाद का शिकार हो रही है । अब आम लड़कियां तो दूर महिला पुलिसकर्मी भी लव जिहाद का शिकार हो रही हैं । ये कम हैरान करने वाली बात नही है।
मध्य प्रदेश में भोपाल के बाद अब रायसेन जिले से ताजा मामला सामने आया है। जहां एक महिला सब इंस्पेक्टर लव जिहाद का शिकार हो गई है।
शादी के 2 साल बाद पति अमन निकला इश्तिहाक अहमद
लव जिहाद का शिकार हुई महिला सब इंस्पेक्टर का आरोप है कि उसके साथ धोखा हुआ है। आरोपी ने अमन बनकर महिला से शादी की थी, लेकिन शादी के बाद पता चला कि वो अमन नहीं इश्तिहाक अहमद है। महिला के सामने इश्तिहाक की सच्चाई शादी के 2 साल बाद सामने आई। पीड़ित को पता चला कि उसकी शादी हिन्दू लड़के अमन से नहीं, बल्कि मुस्लिम इश्तियाक अहमद के साथ हुई है। ये सच जानने के बाद महिला सब इंस्पेक्टर के पैरों तले जमीन खिसक गई।
भोपाल में हुई थी मुलाकात
पीड़ित महिला सब इंस्पेक्टर ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। एसपी पंकज पांडे ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी से महिला सब इंस्पेक्टर की मुलाकात भोपाल में हुई थी। आरोपी भोपाल के ही जहांगीराबाद में एक कैफे चलाता था। उसने महिला को अपना नाम अमन बताया था। उस वक्त पीड़ित महिला सिपाही थी और सब इंस्पेक्टर परीक्षा की तैयारी कर रही थी। आपस में दोस्ती होने के बाद दोनों ने शादी करली।
कैसे हुआ खुलासा?
इश्तिहाक अहमद की सच्चाई का खुलासा उस वक्त जब, शादी के बाद 2020 में उसके नाम से एक लेटर घर आया। उस लेटर पर अमन की जगह इश्तिहाक अहमद नाम लिखा था। शादी और बच्चे के कारण आरोपी के साथ रहना महिला की मजबूरी बन गई। लेकिन सच सामने आने के बाद इश्तिहाक अहमद उसके साथ मारपीट करने लगा था। महिला आरोपी से अलग रहने लगी थी, लेकिन फरवरी 2025 में आरोपी रायसेन जिले में रह रही पीड़ित महिला के घर पहुंचा और उसके साथ फिर से मारपीट की। इसके बाद पीड़िता ने थाने में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई। मंडीदीप पुलिस ने घरेलू हिंसा के तहत मामला दर्ज कर किया है। पुलिस ने जांच के बाद धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
खुद की लापरवाही के चलते महिला सब इंस्पेक्टर हुई लव जिहाद का शिकार
पीड़िता के मुताबिक इश्तिहाक अहमद से जब उसकी मुलाकात हुई तब उसने अपना नाम अमन बताया था और वह कैफ़े चलाता था । कानून की सिपाही होने के बावजूद पीड़िता ने तब उसके कैफ़े का रजिस्ट्रेशन चेक नहीं किया, ताकि ये पता चल सके कि कैफे का और उसके संचालक का नाम क्या है ? कैफे में पूजा स्थल था या नहीं ये भी शायद उसने नही देखा क्योंकि हर हिंदू अपने प्रतिष्ठान में पूजा स्थल जरूर रखता है । इश्तिहाक अहमद से शादी करने से पूर्व उसने उसके परिवार वालों से मुलाकात करना जरूरी नहीं समझा । उसने इश्तिहाक अहमद का ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड , वोटर आईडी कार्ड जैसे पहचान पत्र भी नही देखा था । अगर पीड़िता ने इन सब बातों का ध्यान रखा होता तो वह लव जिहाद का शिकार कभी नहीं हुई होती ।
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