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पानीपत/स्वराज टुडे: पानीपत के वार्ड क्रमांक 10 के चिढाऊ मोहल्ला में निजी स्कूल में गुरुवार को संस्कृत की अध्यापिका ने आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को कलमा पढ़ा दिया। विद्यार्थी घर जाकर यह गुनगुनाने लगे तो स्वजन हैरान हो गए। इस पर परिजनों ने स्कूल में हंगामा किया और प्रिंसिपल से शिकायत कर दी।
मामले की गंभीरता को समझते हुए स्कूल प्रबंधन ने अध्यापिका को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। तब कहीं जाकर परिजन शांत हुए। वहीं, अध्यापिका का कहना है कि बच्चों के कहने पर ही उन्होंने कलमा की एक लाइन बताई थी। चिढ़ाऊ मोहल्ला में 2002 से सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल संचालित है। इसी स्कूल में महजीत अंसारी उर्फ माही संस्कृत की अध्यापिका है।
प्रिंसिपल ने टीचर को किया बर्खास्त
आरोप है कि वीरवार को सुबह प्रार्थना के बाद महजीत ने आठवीं कक्षा का लेक्चर लिया था। उन्होंने लेक्चर में बच्चों को कलमा पढ़ाया। बच्चों ने घर पहुंच कलमा गुनगुनाया। इसे परिजनों ने सुन लिया। पूछने पर उन्होंने बताया कि उन्हें यह अध्यापिका महजीत ने सुनाया है।
अभिभावक शनिवार को हिंदू महासभा के सदस्यों के साथ स्कूल पहुंचे। करीब दो घंटे तक पुलिस व स्कूल प्रबंधक ने अभिभावकों और अध्यापिका से चर्चा की। अभिभावक अध्यापिका को स्कूल से निकालने की मांग कर रहे थे। प्रिंसिपल इंदू ने उन्हें सेवा मुक्त कर दिया। प्रिंसिपल ने भी अभिभावकों से माफी मांगी।
सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की प्रिंसिपल इंदु ने बताया कि अध्यापिका महजीत अंसारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बच्चों ने ही मेरे से पूछा था कि जैसे हिंदू पूजा करते हैं तो आरती गाते हैं, हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, वैसे ही मुस्लिम क्या करते हैं। उन्होंने बच्चों की जिज्ञासा को शांत करने के लिए कलमा की एक लाइन बता दी थी। अभिभावकों की मांग पर टीचर को रिलीव कर दिया। टीचर एक साल से स्कूल में पढ़ा रही थी। टीचर भी अपनी इस हरकत पर शर्मिंदा थी और उसने माफी मांगी है।
किला पुलिस थाना प्रभारी श्रीनिवास ने बताया कि बच्चों ने अध्यापिका से कलमा के बारे में पूछा था। अध्यापिका ने बच्चों की जिज्ञासा शांत करने के लिए सिर्फ एक लाइन सुनाई थी। अब अध्यापिका को नौकरी से निकाल दिया है। दोनों पक्षों को समझा दिया है। इस संबंध में शिकायत नहीं दी है।
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