छत्तीसगढ़
कटिहार/स्वराज टुडे: पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल ने मानव तस्करी की बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए 56 युवतियों को एक ही ट्रेन कोच से रेस्क्यू किया। इन सभी लड़कियों को बंगलौर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बिहार ले जाया जा रहा था।
पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही बारिकी से मामले की जांच शुरु कर दी गई है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, सभी युवतियों की उम्र 18 से 31 वर्ष के बीच है। वे पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार के अलग-अलग जिलों की रहने वाली हैं।
इन सभी को बेंगलुरु की एक फर्जी मोबाइल कंपनी में नौकरी देने का झूठा वादा कर कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन से पटना ले जाया जा रहा था। न्यूजलपाईगुड़ी से भाया कटिहार होकर परिचालित होने वाली ट्रेन नंबर 13245 न्यूजलपाईगुड़ी-पटना कैपिटल एक्सप्रेस के एक कोच में जब आरपीएफ के जवानों ने इतनी संख्या में युवतियों को एक साथ सफर करते देखा, तो उन्हें शक हुआ।
टिकट मांगने पर किसी भी लड़की के पास टिकट नहीं मिला, बल्कि सभी के हाथ पर कोच और सीट नंबर की मुहर लगी हुई थी। फिर आरपीएफ ने साथ मौजूद एक महिला और एक युवक से पूछताछ की, लेकिन वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
जब सवाल किया गया कि लड़कियों को नौकरी बेंगलुरु में देनी थी, तो उन्हें बिहार क्यों ले जाया जा रहा है, तो दोनों आरोपियों के जवाब अलग-अलग और विरोधाभासी थे। इसके बाद पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफैकिंग कर रहे महिला सहित दोनों को गिरफ्तार कर लिया और लड़कियों को ट्रेन से उतार कर जांच शुरू की गई।
गिरफ्तार युवक का नाम जितेंद्र कुमार पासवान और महिला का नाम चंद्रिमा कर बताया जाता है। गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों के पास पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं थे। जिससे संदेह और पुख्ता हो गया। बाद में आरपीएफ की एलएसआई सारिका कुमारी ने इसकी लिखित शिकायत रेल पुलिस में की।
इसमें आरपीएफ की सारिका कुमारी के साथ आरपीएफ के एसआई अजय कुमार वर्मा का इस पूरे उद्भेदन में काफी सराहनीय कार्य रहा। रेल पुलिस थाना न्यूजलपाईगुड़ी में दोनों अभियुक्त के विरुद्ध ह्यूमन ट्रैफैकिंग का मामला दर्ज हुआ।
सभी लड़कियों को सुरक्षित उनके परिवारवालों को सौंप दिया है। आरपीएफ कमांडेंट संदीप कुमार ने कहा कि मानव तस्करी आरपीएपफ विशेष नजर बनाए हुए हैं। इसके लिए रेल मंडल में अलग टीम गठित की गई है।
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