मासूम करंट से तड़प रहा था, लोग तमाशबीन थे… तभी एक युवक ने कूदकर बचाई जान, दिल छू लेगा वीडियो…

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चेन्नई/स्वराज टुडे: चेन्नई में बारिश के बाद सड़क पर पानी भरा था. नौ साल का बच्चा करंट की चपेट में आकर पानी में गिर गया था. वह तड़प रहा था, चीख रहा था, लेकिन वहां खड़े लोगों में हिम्मत नहीं थी कि आगे बढ़कर उसकी मदद कर सकें, तभी एक राहगीर युवक कन्नन अपनी बाइक रोकता है, हालात को समझता है और बिना एक पल गंवाए अपनी जान की परवाह किए बिना पानी में कूद पड़ता है.

इंसानियत, साहस और संवेदना की सबसे खूबसूरत मिसाल 

ये कहानी सिर्फ एक बच्चे की जान बचाने की नहीं, इंसानियत, साहस और संवेदना की सबसे खूबसूरत मिसाल है, जो अब एक वायरल वीडियो के जरिए लोगों के दिलों को छू रही है.

यह मामला चेन्नई के अरुंबक्कम इलाके का है. यह पूरी घटना पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और अब वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.

सड़क पर गिरा पड़ा था विद्युत प्रवाहित तार

दरअसल, तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला बच्चा स्कूल से घर लौट रहा था. बारिश के कारण सड़क किनारे पानी जमा था और बच्चा उसी में से गुजर रहा था. जैसे ही वह एक जंक्शन बॉक्स के पास से गुजरा, उसका पैर एक टूटे तार पर पड़ गया, तार में करंट था. वह तुरंत जमीन पर गिर गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा.

देखें वीडियो:

 

उसी वक्त बाइक पर सवार होकर जा रहे कन्नन नाम के युवक की नजर पड़ी. पहले कन्नन को लगा कि बच्चा फिसलकर गिर गया होगा, लेकिन जैसे ही वह पास पहुंचे तो देखा कि बच्चे का शरीर बुरी तरह से कांप रहा है, तभी उन्हें समझ आया कि बच्चा करंट की चपेट में है.

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जान हथेली पर रखकर बचाई बच्चे की जान

कन्नन ने बिना अपनी जान की परवाह किए, पानी में उतरकर बच्चे को बचाने की कोशिश की. खुद को करंट लगने के बावजूद उन्होंने बच्चे को पानी से खींचकर बाहर निकाला. इसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया.

कन्नन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे अपनी जान की परवाह नहीं थी. अगर मैंने उसे नहीं बचाया होता तो मैं जिंदगी भर चैन से नहीं रह पाता. एक इंसान की जान बचाना सबसे जरूरी था.

कन्नन ने कहा कि मैंने मदद के लिए लोगों को आवाज दी, लेकिन कोई आगे नहीं आया. फिर मैं पास गया और उसे छुआ, मुझे भी बिजली का झटका लगा, लेकिन फिर भी मैंने उसे खींच लिया. इसके बाद हमने उसकी छाती को दबाया, ताकि वह सांस ले सके. प्राथमिक उपचार दिया और उसे अस्पताल ले गए. यहां डर की कोई बात नहीं थी. मेरी जान या उसकी जान, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. इस बहादुरी के लिए लोग कन्नन की जमकर सराहना कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें रियल हीरो बता रहे हैं और उनकी इंसानियत को सलाम कर रहे हैं.

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दीपक साहू

संपादक

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