छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। राज्य की सरकारी शराब दुकानों में क्यूआर कोड से छेड़छाड़ कर बड़ा अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इसका खुलासा बस्तर संभाग के बचेली में हुआ है। यहां सरकारी शराब दुकान के सेल्समैन ने सरकारी खजाने पर डाका डालते हुए मात्र 14 दिनों में 1 करोड़ रुपये अपने निजी खातों में डलवा लिए। ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट करते थे, लेकिन वह पैसा सरकार के खाते में जाने के बजाय सीधे सेल्समैन के प्राइवेट अकाउंट में जा रहा था।
इस पूरे खेल में दर्जनों आबकारी अधिकारियों की भी मिलीभगत होने की आशंका है, जिन पर अब सवाल उठ रहे हैं।
बचेली की अंग्रेजी शराब दुकान में सेल्समैन ने सरकार के क्यूआर कोड की जगह अपना कोड लगा दिया। 14 दिन में दुकान की कुल बिक्री 2 करोड़ रुपये से अधिक थी, पर सरकारी खाते में सिर्फ 1 करोड़ रुपये ही जमा हुए। बाकी करीब 1 करोड़ रुपये सेल्समैन ने अपने खातों में डाल लिए। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के कई अन्य जिलों की सरकारी दुकानों में भी इसी तरह से सरकारी रकम हड़पी जा रही है।
यह घोटाला ऐसे समय सामने आया है जब हाल ही में विभाग की तत्कालीन सचिव आर. शंगीता को हटा दिया गया, जिन्होंने अवैध कमाई पर लगाम कसने की कोशिश की थी। उनकी जगह विवादों से घिरे नए सचिव की नियुक्ति हुई है। सूत्रों के अनुसार वसूली का पैसा नीचे से लेकर हाई लेवल तक पहुंचा जा रहा है।
आबकारी अधिकारी अवैध कमाई के लिए बीयर कारोबार को भी हथियार बना रहे हैं। वे एक खास ब्रांड की बीयर पर प्रति पेटी 100 से 500 रुपये तक कमीशन लेकर बाजार में सिर्फ वही ब्रांड उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को दूसरा ब्रांड नहीं मिल पा रहा। आबकारी अधिकारियों ने क्यूआर कोड आउटसोर्सिंग कंपनियों को देने के बजाय खुद इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिससे वे अपनी मनमर्जी से शराब का ऑर्डर कर रहे हैं और नगदी कमीशन ले रहे हैं।
मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है और जाँच शुरू कर दी गई है। हालांकि, इस नए घोटाले ने एक बार फिर आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।
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