नई दिल्ली/स्वराज टुडे: इन दिनों पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को ढूंढ-ढूंढ कर भारत से बाहर निकाला जा रहा है। ऐसे में बांग्लादेशी नागरिकों के सीमा पार करने की कहानी खुद बांग्लादेशियों ने बयां की है। उन्होंने बताया, ‘वे एक दलाल की मदद से रात में नोडाबास गांव के पास सीमा पार कर गए।
दलाल ने उन्हें सीमा पार करवाने के लिए 3 से 5 हजार रुपये लिए। दलाल के जरिए उन्हें अलग-अलग जगहों पर ईंट-भट्ठों पर काम दिलवाया।’ दलाल ने अलग-अलग गांवों के बांग्लादेशियों के निवास प्रमाण पत्र बनवाए।
फिर दस्तावेज मिलने के बाद बांग्लादेशियों ने अपने आधार और पैन कार्ड बनवाए। लोगों ने बताया कि किसी ने 50 रुपये तो किसी ने 150 रुपये में आधार कार्ड बनवाए। बता दें कि सीआईडी की टीम ने नेवटा गांव के एक ईंट-भट्ठे से 28 बांग्लादेशियों को पकड़ा है। ये सभी बांग्लादेशी यूपी, हरियाणा और राजस्थान के ईंट-भट्ठों पर काम करते थे। बांग्लादेशी नागरिकों ने अपने आधार कार्ड नारनौल और खंडेला से बनवाए थे। ये सभी बांग्लादेशी करीब 10 साल से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। दलाल मुकुंद और सफीक उल बांग्लादेशियों को सीमा पार से लाने का काम करते हैं। बता दें कि भिवाड़ी पुलिस ने सोमवार को सर्च ऑपरेशन चलाकर 60 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इन 60 लोगों में 25 पुरुष, 24 महिलाएं और 11 बच्चे हैं। यह कार्रवाई इंटेलिजेंस और मुखबिरों की सूचना पर की गई।
एसपी के मुताबिक पकड़े गए सभी बांग्लादेशी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। वे कभी भिवाड़ी तो कभी गुड़गांव या धारूहेड़ा में रह रहे थे, जिससे पुलिस के लिए उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था। इससे पहले अजमेर में पुलिस और एसआईटी ने दरगाह क्षेत्र से एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया था, जो करीब 10 साल से अवैध रूप से रह रहा था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सभी राज्यों को वैध या अवैध रूप से रह रहे सभी पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालने के निर्देश दिए हैं।

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