छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा जिले में चरित्र सत्यापन हेतु रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया हैं। आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को इस गंभीर आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उक्त कार्यवाही एनटीपीसी में कार्यरत एक युवक की शिकायत के बाद की गई।
शिकायतकर्ता निवासी ढोढ़ीपारा, पुसके सीएसईबी क्षेत्र, थाना सिविल लाइन रामपुर ने 20 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि एनटीपीसी में नौकरी से संबंधित गेट पास रिन्यूअल के लिए आवश्यक पुलिस चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन के बदले उनसे 1,000 रुपए की मांग की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए उप निरीक्षक प्रमोद चंद्राकर द्वारा जांच की गई। जांच के दौरान शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कथित आरोपों की पुष्टि करी। पहचान पंचनामा के समय उसने उक्त प्रधान आरक्षक को पहचानते हुए स्पष्ट रूप से बताया कि उसी ने उनसे रिश्वत की मांग करी थी। जांच में कथित आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर प्रधान आरक्षक को 20 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय रक्षित केंद्र, कोरबा निर्धारित किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार भत्ता देय होगा।
चरित्र सत्यापन के एवज में रिश्वत की मांग करना अवैधानिक
पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि चरित्र सत्यापन जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण कार्य में अवैध राशि की मांग करना गंभीर अनुशासन हीनता है। विभाग ने ऐसे मामलों में शून्य सहनशीलता नीति अपनाते हुए सख्त कार्यवाही करने की बात दोहराई है, ताकि पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे।
पुलिस विभाग ने आमलोगों अपील करते हुए ये भी कहा कि अगर चरित्र सत्यापन के नाम पर अगर कोई पुलिसकर्मी पैसों की मांग करें तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दें ,ताकि सम्बंधित पुलिसकर्मी के विरुद्ध तत्काल उचित कार्रवाई किया जा सके।
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