नई दिल्ली/स्वराज टुडे: दिल्ली के पॉश इलाके लाजपत नगर में डबल मर्डर केस की चौंकाने वाली घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। एक 42 वर्षीय महिला और उसके 14 वर्षीय बेटे की बेरहमी से गला रेत कर हत्या कर दी गई। मामला तब उजागर हुआ जब पड़ोसियों ने दो दिनों से घर में कोई गतिविधि न देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा, तो अंदर का दृश्य दिल दहला देने वाला था।
4 साल से कर रहा था काम, अचानक बन गया हत्यारा
जांच में सामने आया कि वारदात को अंजाम देने वाला कोई बाहरी व्यक्ति नहीं, बल्कि घर का पुराना नौकर मुकेश है, जो पिछले 4 सालों से मृतका की दुकान पर कार्यरत था। Double Murder Case में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि वारदात के बाद से ही मुकेश फरार था, जिसे अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस पूछताछ में कबूला गुनाह
मुकेश ने पूछताछ में बताया कि उसे मालकिन का व्यवहार बहुत अपमानजनक लगता था। उसकी तबीयत खराब थी, फिर भी उसे काम पर बुलाया जाता था। मुकेश के अनुसार, लगातार अपमानित होने और डांट सुनने के कारण उसने गुस्से में आकर पहले रुचिका की हत्या की और जब बेटे कृष ने देख लिया, तो उसे भी मौत के घाट उतार दिया।
पड़ोसियों की सतर्कता से दोहरे हत्याकांड का खुलासा
वारदात के बाद से जब दो दिन तक किसी भी तरह की हलचल घर से नहीं दिखी, तो पड़ोसियों ने संदेह के चलते पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो दरवाजे पर कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा तोड़ने पर जो नज़ारा सामने आया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था।
रुचिका का शव बेड के नीचे और उसके बेटे कृष की लाश बाथरूम में मिली। दोनों की गर्दन पर धारदार हथियार से वार किया गया था। पूरे घर में खून बिखरा हुआ था। यह Double Murder Case सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि अमानवीयता की हद को पार कर गया।
मानसिक स्थिति और हत्या के पीछे की वजह
मुकेश ने पुलिस को जो वजह बताई है, वह कहीं न कहीं मानसिक असंतुलन और अपमान की पीड़ा को दर्शाती है। लेकिन क्या सिर्फ गुस्से में कोई इतना बड़ा कदम उठा सकता है? पुलिस Double Murder Case की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं इस हत्याकांड के पीछे और कोई नहीं है।
क्या था मकसद? लूट या प्रतिशोध?
घर से कोई कीमती सामान चोरी नहीं हुआ, जिससे यह साफ हो गया कि मकसद सिर्फ प्रतिशोध था, न कि लूटपाट। लेकिन जांचकर्ता यह भी देख रहे हैं कि क्या मुकेश ने किसी के कहने पर यह किया या यह पूरी तरह से उसकी निजी भावना से जुड़ा मामला था।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
लाजपत नगर के निवासी इस Double Murder Case से सदमे में हैं। स्थानीय दुकानदारों और पड़ोसियों ने बताया कि रुचिका बहुत मिलनसार थी और उसका बेटा पढ़ाई में अच्छा था। मुकेश को भी किसी ने कभी गुस्से में नहीं देखा था।
एक पड़ोसी ने कहा कि “हम तो सोच भी नहीं सकते थे कि मुकेश ऐसा कर सकता है, वो तो रोज नम्रता से नमस्ते करता था,”
आगे की कार्रवाई और पुलिस की चुनौती
पुलिस ने फिलहाल मुकेश को रिमांड पर लिया है और उससे गहराई से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि Double Murder Case में कोई अन्य व्यक्ति तो शामिल नहीं था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हत्या का समय और हथियार की पुष्टि की जाएगी।
समाज के लिए एक चेतावनी
यह Double Murder Case सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि घरेलू कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है और उनकी मानसिक स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। इस घटना ने साफ कर दिया है कि भावनात्मक अत्याचार कब एक हिंसक क्रिया में बदल जाए, कोई नहीं कह सकता।
दिल्ली के लाजपत नगर में घटित यह Double Murder Case न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि एक सामाजिक विफलता भी है। यदि समय रहते तनावों को समझा और सुलझाया जाता, तो शायद यह भयावह घटना टाली जा सकती थी।
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