भाई ने कहा था- ‘कुछ नहीं होगा, S-400 सिस्टम लगा है’, पाकिस्तान के हमले में मुजफ्फरनगर के चाचा-भतीजी की मौत; शव पहुंचते ही रो पड़ा गांव

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राजौरी/स्वराज टुडे: पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में 9 मई को जम्मू कश्मीर के राजौरी में मुजफ्फरनगर जनपद के खाई खेड़ा गांव निवासी साहिब व उसकी डेढ़ साल की भतीजी आयशा नूर की उस समय मौत हो गई थी जब वह रात्रि में अपने घर के बाहर चारपाई पर सोए हुए थे।

जिसके बाद रविवार सुबह सवेरे दोनों के शवों को उनके गांव खाई खेड़ा में लाया गया था जहां गमगीन माहौल में दोनों को सुपूर्द ए खाक किया गया। इस दौरान भारी भीड़ के साथ पुलिस प्रशासन और समाजवादी पार्टी के कुछ नेता भी मौके पर मौजूद रहे। 

15 साल पहले रोजगार की तलाश में गए राजौरी…घर पहुंची लाश

राजौरी में वाहन डेंटिंग-पेंटिंग का काम करने वाले साहिब और उनका भाई तोहिद पिछले 15 साल से वहीं परिवार के साथ रह रहे थे। घटना की सूचना 10 मई की सुबह घरवालों को मिली।

गांव में जैसे ही यह खबर पहुंची, मातम पसर गया। 11 मई की सुबह जब दोनों के शव खाईखेड़ा गांव लाए गए, तो चीख-पुकार मच गई। घटना की सूचना पर जानसठ एसडीएम जयेंद्र सिंह और सीओ भोपा रविशंकर मिश्रा भी पीड़ित परिवार के बीच पहुंचे थे जहां उन्होंने जम्मू कश्मीर सरकार के निर्देशन पर मुआवजे को लेकर मर्तक साहिब और भतीजी आयशा नूर के परिजनों की जानकारी इकट्ठा की। 

पाकिस्तान के ड्रोन हमले में चाचा-भतीजी की मौत

घटना की जानकारी देते हुए एसडीएम जानसठ जयेंद्र सिंह ने बताया कि इसमें अभी हम यहां आए थे जैसे ही पता लगा है राजौरी से वहां के डिप्टी कमिश्नर साहब का फोन आया कि उनकी मृतकों के वारिसों के नंबर और उनकी डिटेल मांगी है उनकी डिटेल उनका खाता नंबर उनको कुछ आर्थिक मदद देना चाहती है। जम्मू कश्मीर सरकार उसकी डिटेल हम भिजवा देंगे अभी उसकी जिसकी डेथ हुई है लड़के की उसकी पत्नी का अकाउंट नंबर नहीं मिल पाया है बाकी सारी डिटेल मिल गई है।

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यह तो बताया है इन्होंने की पाकिस्तान के जो ड्रोन से जो हवाई हमला हुआ था उसमें उनकी राजौरी जिले में डेथ हुई है। यह शासन स्तर की बात है जैसे ही हमको सूचना मिलेगी हम आपको बता देंगे। इसमें जो सरकारी तौर पर आती है जब हमें सूचना मिल जाती है यह लोग अपने प्राइवेट निजी संबंधों पर डेड बॉडी लेकर आए हैं हमें इसकी सूचना थी नहीं जैसे ही हमें सूचना लगी हम तुरंत आ गए। 

कुछ नहीं होगा, S-400 सिस्टम लगा है’

साहिब के भाई तोहिद ने बताया कि हमले से ठीक एक दिन पहले ही दोनों भाई घर में बैठे थे। माहौल खराब देख घर लौटने की बात हो रही थी, लेकिन साहिब ने कहा – यहां तो आर्मी का S-400 डिफेंस सिस्टम लगा है, कुछ नहीं होगा…लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसी रात पाकिस्तानी बमबारी में साहिब और उनकी मासूम भतीजी की जान चली गई।

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दीपक साहू

संपादक

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