दो साल की मासूम से जान निकलने तक रेप,13 साल बाद दरिंदे को अब मिलेगी फांसी, राष्ट्रपति मुर्मू ने ठुकराई दया याचिका

- Advertisement -

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र में 2012 में दो वर्षीय बच्ची के अपहरण, रेप और हत्या के दोषी व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है. 25 जुलाई, 2022 को पदभार ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति द्वारा खारिज की गई यह तीसरी दया याचिका है.

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर, 2019 को आरोपी रवि अशोक घुमारे को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि रवि अशोक घुमारे का अपनी कामुक इच्छाओं पर कोई नियंत्रण नहीं था और उसने अपनी यौन भूख को शांत करने के लिए सभी प्राकृतिक, सामाजिक और कानूनी सीमाओं को पार कर लिया था.

तीन जजों की बेंच ने फैसले में क्या कहा

अपने फैसले में,जस्टिस सूर्यकांत (जो अब भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं) की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने 2:1 के बहुमत से कहा कि उस व्यक्ति ने एक ऐसे जीवन को निर्दयतापूर्वक समाप्त कर दिया जो अभी खिलना बाकी था. बेंच ने ये भी कहा था कि दो वर्षीय बच्ची के साथ अप्राकृतिक अपराध करने का उसका कृत्य एक घिनौनी और विकृत मानसिकता को दर्शाता है, जो क्रूरता की एक भयावह कहानी प्रस्तुत करता है.

2 साल की बच्ची के साथ रेप

राष्ट्रपति भवन के अनुसार, घुमारे की दया याचिका को राष्ट्रपति ने 6 नवंबर, 2025 को खारिज कर दिया था. यह देखते हुए कि पीड़िता केवल दो वर्ष की बच्ची थी, जिसे अपीलकर्ता (रवि) ने अगवा किया और जाहिर तौर पर चार से पांच घंटे तक उसके साथ तब तक दुष्कर्म किया जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो गई.

यह भी पढ़ें :  बालको ने मेगा रक्तदान शिविर का किया सफल आयोजन

आरोपी ने की हदें पार

जस्टिस सूर्यकांत ने अपने और (अब सेवानिवृत्त) जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन के लिए फैसला लिखते हुए कहा था, अपीलकर्ता जिसका अपनी कामुक इच्छाओं पर कोई नियंत्रण नहीं था, ने अपनी यौन भूख मिटाने के लिए सभी प्राकृतिक, सामाजिक और कानूनी सीमाओं को पार कर दिया. उसने एक ऐसे जीवन को निर्दयता से समाप्त कर दिया जो अभी खिलना बाकी था.

बहुमत के फैसले में कहा गया है कि अपीलकर्ता ने बच्चे को पिता तुल्य प्रेम, स्नेह और समाज की बुराइयों से सुरक्षा देने के बजाय, उसे वासना का शिकार बना दिया. इसके साथ ही फैसले में ये भी कहा गया कि यह विश्वासघात का मामला है, और सामाजिक मूल्यों को ठेस पहुंची है. दो साल की बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध एक गंदी और विकृत मानसिकता को दर्शाता है.

2012 को हुई थी घटना

अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 6 मार्च, 2012 को महाराष्ट्र के जालना शहर के इंदिरा नगर इलाके में हुई थी. रवि अशोक घुमारे ने पीड़िता को चॉकलेट का लालच दिया था. जिसके बाद उसे अपनी हवस का शिकार बनाया जिससे एक 2 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई.

आरोपी को सुनाई मौत की सजा

निचली अदालत ने रवि अशोक को दोषी ठहराया था और 16 सितंबर, 2015 को मौत की सजा सुनाई थी. उसकी मौत की सजा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जनवरी 2016 में बरकरार रखा था. वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया है. देर से ही सही अब 13 साल बाद दरिंदे को फाँसी की सजा तय मानी जा रही है.

यह भी पढ़ें :  आदिवासी विभाग के तुगलकी आदेश की बलिवेदी पर चढ़ा युवा अधीक्षक, तीन-तीन छात्रावासों का बोझ और अंत में सड़क पर मिली मौत

यह भी पढ़ें:20 बॉडीगार्ड, लग्जरी गाड़ियां; 500 करोड़ के ठेके का झांसा, गोरखपुर का फर्जी IAS निकला महाठग, रोज खुल रहे नए कारनामें

यह भी पढ़ें:मुस्लिम पिता ने बेटी की शादी में हिंदुओं को दी दावत, गुस्साए मौलाना और इमाम ने कर दिया फतवा जारी, फिर जो हुआ…

यह भी पढ़ें:जापान में शव दफनाने की मनाही… ब्रिटेन तो सीधे भगा देगा ? छीनी जा सकती है लाखों मुस्लिमों की नागरिकता

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

Related News

- Advertisement -