मध्यप्रदेश
भोपाल/स्वराज टुडे: भोपाल की सड़कों पर 9 अक्टूबर की देर रात दोस्तों के साथ पार्टी करना एक 21 साल के इंजीनियर के लिए मौत का कारण बन गया। जिन पुलिसवालों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही उसकी जान के दुश्मन बन गए।
बालाघाट में पदस्थ एक डीएसपी के साले उदित गायकी को दो पुलिसकर्मियों ने इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी सांसे हमेशा के लिए थम गईं। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है और पुलिस की कार्यशैली पर एक बहुत बड़ा और गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।
उदित ने हाल ही में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और बेंगलुरु में 8 लाख के पैकेज पर उसकी नौकरी लगने वाली थी। वह सिर्फ तीन दिन बाद होने वाले इंटरव्यू के लिए अपने दस्तावेज लेने भोपाल आया हुआ था। गुरुवार की रात वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था, जब पिपलानी थाने में पदस्थ आरक्षक संतोष बामनिया और सौरभ आर्य बाइक पर वहां पहुंचे। उन्होंने उदित को कार से बाहर निकाला। घबराकर उदित ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक पुलिसवाले ने उसे पकड़ लिया और दूसरे ने उस पर बेरहमी से डंडे बरसाने शुरू कर दिए।
शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में खुलासा, पिटाई से फट गईं नसें
पिटाई के बाद उदित की हालत बिगड़ने लगी और उसे लगातार उल्टियां होने लगीं। उसके दोस्त उसे तुरंत अस्पताल लेकर भागे, लेकिन एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डीसीपी विवेक सिंह ने बताया कि शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि उदित की मौत हार्ट अटैक से नहीं, बल्कि बेरहमी से की गई मारपीट की वजह से हुई है। मारपीट के दौरान उसके पैनक्रियाज में गंभीर चोटें आईं, जो उसकी मौत का कारण बनीं। इस खुलासे ने पुलिस की कहानी पर खड़े हो रहे शक को और गहरा दिया है।
पीटने के बाद मांगे 10 हजार रुपए
उदित के दोस्तों ने एक और चौंकाने वाला आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मारपीट करने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने मामला रफा-दफा करने के लिए उनसे 10 हजार रुपए की मांग भी की थी। इस घटना के बाद दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों, संतोष बामनिया और सौरभ आर्य को निलंबित कर दिया गया है। उदित अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता राजकुमार एमपीईबी में इंजीनियर हैं और मां एक शिक्षिका हैं। एक होनहार बेटे की इस तरह हुई मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है।

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