उत्तरप्रदेश
प्रयागराज/स्वराज टुडे: विधायक जवाहर यादव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खास विधायक थे। इसके बावजूद बाहुबली और पूर्व विधायक उदयभान करवरिया ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। आठ साल तीन महीने जेल में काटने के बाद दोषी उदयभान की सजा को माफ कर दिया गाया है। आपको बता दें यह घटना 13 अगस्त 1996 को हुई थी, मगर दोषी की सजा माफ होने के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है।
सजा से बचने के लिए बना विधायक
बाहुबली उदयभान ने जवाहर यादव समेत तीन लोगों को AK-47 की गोलियों से भून दिया था। जिसके बाद जवाहर यादव के भाई ने उदयभान, उसके भाइयों और हत्या से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। हत्या के बाद बाहुबली को लगा कि शहद सत्ता उसे उम्र कैद से बचा लेगी मगर विधायक बनने के बाद भी वह कानून के चंगुल से नहीं बच पाया।
बोरा सिलते थे जवाहर
आपको बता दें कि जौनपुर के रहने वाले जवाहर यादव अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए पहले बोरा सिलने का काम करते थें। जल्दी पैसा कमाने के लिए उन्होंने अवैध रेत खनन और शराब का काम शुरू कर दिया और उसमे सफल हुए। मुलायम सिंह यादव की नजर जब उन पर पड़ी तो उनके दिन बदल गए और 1993 में झूंसी से उन्हें विधायक बना दिया गया।
सारे आम सीने में उतारी थी गोलियां
कानूनी दस्तावेजों की माने तो यह घटना राजकरण टॉकीज के पास बीच चौराहे पर हुई थी। झूंसी के विधायक जवाहर यादव अपनी मारुति में जा रहे थे तो उनका पीछे करती हुई उदयभान की गाड़ी आती है उन्हे ओवरटेक करके गाड़ी रुकवाती है जिसके बाद उदयभान विधायक पर दनादन गोलियां बरसाना शुरु कर देता है। घटना में विधायक, उनके साथी गुलाब और एक राहगीर कमल की मौत हो जाती है।
हत्या का कारण
जवाहर यादव के पास राजनीतिक संरक्षण था इसलिए रेत खनन और शराब के धंधे में उसका दबदबा बढ़ रहा था। उदयभान को जवाहर से खतरा महसूस होने लगा जिस वजह से 1996 में उसने विधायक की हत्या कर दी।
यह भी पढ़ें: 70 साल का दूल्हा और 25 की दुल्हन, पढ़िए हैरान कर देने वाली खबर
यह भी पढ़ें: युवक ने किया था सुसाइड, अंतिम संस्कार के बाद घरवालों ने फोन चेक किया तो हो गया बड़ा खुलासा
यह भी पढ़ें: IIT की परीक्षा पास की लेकिन बकरी चराने को मजबूर; वजह जानकर होगा अफसोस
Editor in Chief