नई दिल्ली/स्वराज टुडे: विश्व में सबसे बड़ी जनसंख्या ईसाई धर्म के अनुयायियों की है। उसके बाद इस्लाम यानी मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग हैं। दुनिया के हर देश में आपको मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग मिल जाएंगे।
इसके साथ ही आप मुस्लिम बस्तियों में मस्जिदें भी देख सकते हैं, जहां मुस्लिम धर्म के लोग दिन में पांच बार नमाज पढ़ने जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मुस्लिम रहते हैं लेकिन उनके नमाज पढ़ने के लिए कोई मस्जिद नहीं है। इतना ही नहीं इस देश में मस्जिद बनाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है।
दरअसल, स्लोवाकिया दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां मुस्लिम होने के बावजूद कोई मस्जिद नहीं है। आपको बता दें कि यहां रहने वाले मुस्लिम या तो तुर्क हैं या उगर। ये मुसलमान 17वीं सदी में यहां आकर बस गये थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 तक यहां मुसलमानों की आबादी महज पांच हजार के आसपास थी। यूरोपीय संघ का सदस्य यह देश इसका आखिरी सदस्य बन गया है. इस देश में मस्जिद निर्माण को लेकर विवाद होता रहा है. साल 2000 में स्लोवाकिया की राजधानी में इस्लामिक सेंटर बनाने को लेकर विवाद हुआ था।
तब ब्रातिसोवा के मेयर ने स्लोवाक इस्लामिक वक्फ फाउंडेशन के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया। साल 2015 में शरणार्थियों का प्रवासन यूरोप के लिए एक बड़ा मुद्दा बना रहा. उस समय स्लोवाकिया ने 200 ईसाइयों को शरण दी, लेकिन मुस्लिम शरणार्थियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया. इस पर सफाई देते हुए स्लोवाकिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके देश में मुसलमानों के लिए कोई पूजा स्थल नहीं है। उनका मानना है कि मुसलमानों को आश्रय देने से देश में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, हालांकि इस फैसले की यूरोपीय संघ ने भी आलोचना की थी।
इतना ही नहीं, 30 नवंबर 2016 को स्लोवाकिया ने एक कानून पारित कर इस्लाम को आधिकारिक धर्म का दर्जा देने पर रोक लगा दी. यह देश इस्लाम को धर्म के रूप में स्वीकार नहीं करता. इतना ही नहीं स्लोवाकिया यूरोपीय संघ का एकमात्र देश है जहां एक भी मस्जिद नहीं है। इतना ही नहीं, स्लोवाकिया में ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त कानून भी लागू है। इस देश में आप सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच किसी से बदतमीजी से बात नहीं कर सकते और न ही शोर मचा सकते हैं. ऐसा करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटती है और उन पर भारी जुर्माना लगाया जाता है।
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