Featuredदेश

सर्वे: नरेंद्र मोदी का विकल्प बीजेपी में कौन? जानें अमित शाह और योगी आदित्यनाथ में से कौन निकला आगे

Spread the love

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: हमारे देश में एक सवाल को लेकर काफी चर्चा होती है कि प्रधानमंत्री मोदी के बाद बीजेपी की तरफ से अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? ऐसे ही सवालों को लेकर इंडिया टुडे ग्रुप-सी-वोटर ने Mood of the Nation (MOTN) सर्वे किया है.

इस सर्वे में सबसे ज्यादा 26.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी के बाद गृह मंत्री अमित शाह को देश का अगला प्रधानमंत्री बनना चाहिए. 25.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक उत्तराधिकारी होना चाहिए.

इनके अलावा 14.6 प्रतिशत लोगों ने नितिन गडकरी को, 5.5 प्रतिशत लोगों ने राजनाथ सिंह को और 3.2 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी के बाद शिवराज सिंह चौहान को अगला प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा जताई. दिलचस्प बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक उत्तराधिकारी बनने की इस दौड़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. अगस्त 2024 के सर्वे में उन्हें 18.8 प्रतिशत लोग अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन अब ऐसे लोगों की संख्या 25.3 प्रतिशत हो गई है. इस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच ज्यादा अंतर नहीं है.

भारत का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री कौन?

एक ऐसा ही सवाल और है कि लोग किस प्रधानमंत्री को भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री मानते हैं? इस सर्वे में सबसे ज्यादा 50.7 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को भारत के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री माना है. 13.6 प्रतिशत लोग डॉ. मनमोहन सिंह को, 11.8 प्रतिशत लोग अटल बिहारी वाजपेयी को, 10.3 प्रतिशत लोग इंदिरा गांधी को और सबसे कम सिर्फ 5.2 प्रतिशत लोग देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को सबसे अच्छा प्रधानमंत्री मानते हैं.

अब सवाल आता है कि देश के लोग मोदी सरकार के प्रदर्शन से खुश हैं या निराश? 61.8 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री मोदी के प्रदर्शन और फैसलों को अच्छा या बहुत अच्छा मानते हैं. और प्रधानमंत्री मोदी के काम से काफी संतुष्ट हैं. जबकि 21.1 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री मोदी के प्रदर्शन को बुरा या बहुत बुरा मानते हैं और वो प्रधानमंत्री मोदी से निराश हैं. बड़ी बात ये है कि लोकसभा चुनावों के बाद देश में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जो ये कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रदर्शन में सुधार आया है. अगस्त 2024 में 58.6 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री मोदी के प्रदर्शन को अच्छा या बहुत अच्छा मानते थे लेकिन अब इनकी संख्या 61.8 प्रतिशत हो गई है.

राम मंदिर निर्माण मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि

इसके अलावा 62.1 प्रतिशत लोग मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल से संतुष्ट हैं और उन्हें लगता है कि सरकार सही दिशा में जा रही है और अच्छा काम कर रही है. लेकिन 27.1 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो ये मानते हैं कि तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार अच्छा काम नहीं कर रही और वो गठबंधन सरकार के दबाव में है. ये पहली बार है, जब प्रधानमंत्री मोदी केन्द्र में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है. वहीं देश में सबसे ज़्यादा 15.2 प्रतिशत लोग अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं.

लोगों का कहना है कि राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी ने अपने वादे को पूरा किया है. 13.2 प्रतिशत लोग मानते हैं कि मोदी सरकार में देश को राजनीतिक स्थिरता मिली है और ये इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. 10.6 प्रतिशत लोग भ्रष्टाचार मुक्त सरकार को सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं. 10.1 प्रतिशत लोग Make in India अभियान को, 8.6 प्रतिशत लोग सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसे विकास को, 7.4 प्रतिशत लोग कल्याणकारी योजनाओं को और 7.3 प्रतिशत लोग जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं.

2 जनवरी से 9 फरवरी के बीच किया गया सर्वे

बता दें कि Mood of the Nation (MOTN) सर्वे को इंडिया टुडे ग्रुप और CVoter द्वारा किया गया है. यह सर्वे 2 जनवरी 2025 से 9 फरवरी 2025 के बीच किया गया है, जिसमें भारत के सभी 543 लोकसभा सीटों के 54,418 लोगों से बातचीत की गई. इनके अलावा सी-वोटर ने पिछले 24 हफ्तों के दौरान 70,705 लोगों की भी राय जानी. इस प्रकार कुल MOTN रिपोर्ट को बनाने के लिए कुल 1 लाख 25 हजार 123 लोगों की राय का विश्लेषण किया गया.

इस सर्वे का उद्देश्य देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को समझना था. यह सर्वे CATI (कंप्यूटर असिस्टेड टेलीफोन इंटरव्यूइंग) पद्धति से किया गया, जिसमें रैंडम डायलिंग (RDD) तकनीक का उपयोग कर देशभर के लोगों से सवाल पूछे गए. सर्वे सभी टेलीकॉम सर्कल्स को कवर करता है और भारत की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है.

डेटा विश्लेषण और सटीकता

इस सर्वे में मैक्रो स्तर पर ±3% और माइक्रो स्तर पर ±5% की त्रुटि सीमा (Margin of Error) रखी गई है. डेटा को जेंडर, उम्र, शिक्षा, आय, धर्म, जाति, शहरी/ग्रामीण जनसंख्या और पिछले चुनावों में मतदान पैटर्न के आधार पर वेटेड किया गया है, जिससे यह भारतीय जनसंख्या का सही प्रतिनिधित्व कर सके. सर्वे 11 राष्ट्रीय भाषाओं में किया गया, जिससे देशभर के लोग इसमें शामिल हो सकें.

यह भी पढ़ें: NCTE का बड़ा फैसला, फिर से आएगा इतने साल का B.Ed और M.Ed कोर्स, जानिए कौन कर पाएगा यह कोर्स

यह भी पढ़ें: भगवान ने पूरी नहीं की मौत की कामना, तो गुस्साए शख्स ने तोड़ दी शनिदेव की मूर्ति, पढ़िए हैरान करने वाली खबर

यह भी पढ़ें: नग्न कर प्राइवेट पार्ट्स से लटका दिए डम्बल, 5 सीनियर छात्र गिरफ्तार, रैगिंग की खौफनाक कहानी सुन कांप उठेगी रूह

Deepak Sahu

Editor in Chief

Related Articles

Back to top button