मसीही समाज ने धूमधाम से मनाया ईस्टर का पर्व

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लाईफ इन क्राईस्ट चर्च में ईस्टर सभा का हुआ आयोजन

छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: जिले भर के गिरजाघरों में ईस्टर पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएं हुई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

जिले के लाईफ इन क्राईस्ट चर्च में ईस्टर सभा का आयोजन किया गया। जहां आर के मसीह द्वारा प्रार्थना सभा कराई गई। इस दौरान पास्टर प्रचारक विश्वासी एवं डिकन डिकनेस सहित बड़ी संख्या में प्रभु जन मौजूद रहे। सभी ने मिल कर प्रभु की आराधना की। वहीं, पास्टर किंडो ने कहा कि ईस्टर पर्व ईसाई समाज का महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन प्रभु यीशु मसीह पुन: जीवित हुए थे। तभी से यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। जिसके पश्चात चर्च के पास्टर आर के मसीह द्वारा ईस्टर पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसी तरह जिले के सभी गिरजाघरों में हर्षोल्लास से ईस्टर पर्व मनाया गया। जिसके बाद ईसाई समाज के लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

लाईफ इन क्राईस्ट चर्च के डायरेक्टर आर के मसीह ने बताया कि शुक्रवार के दिन प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था। आज ही के दिन रविवार को अपने कहे वचन के अनुसार 3 दिन के बाद प्रभु यीशु मसीह मृतकों में से जी उठे थे।
मसीह ने बताया कि जब व्यक्ति इस संसार को छोड़ देता है। तब उसको रीति-विधि के अनुसार कब्रिस्तान में दफना दिया जाता है। बाइबल के अनुसार जब प्रभु यीशु मसीह इस संसार में विश्वासीयो को लेने आएंगे तो सारे कब्र खुल जाएंगी और मुर्दे जी उठेंगे। जो प्रभु यीशु मसीह के साथ चले जाएंगे। कुछ तो इसलिए जी उठेंगे कि न्याय का सामना करें। और कुछ लोग अनंत जीवन की प्राप्ति कर प्रभु यीशु मसीह के साथ चले जाएंगे। इस मान्यता को लेकर हम आज के दिन ईस्टर के पर्व को मनाते है।

प्रातः पूर्वजों को किया याद

प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी में रविवार को ईसाई समुदाय के लोगों ने ईस्टर मनाया। इस दौरान मसीही समाज के लोग शहर के विभिन्न कब्रिस्तानों में सुबह तीन बजे जुटे और प्रभु के जन्म की खुशियों का इजहार किया। कब्रगाहों को फूलों से सजाया गया और कैंडल, मोमबत्ती जलाकर विशेष प्रार्थना की गई। लोगों ने अपने पुरखों के लिए भी विशेष प्रार्थना की। इसके बाद वे शहर के विभिन्न गिरजाघरों में गए, जहां विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और यीशु के पुनर्जन्म का संदेश सुना।

दीपक साहू

संपादक

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