
दिल्ली/स्वराज टुडे: स्वीडन में कई बार पब्लिक के सामने कुरान जलाने के लिए चर्चा में रहे इराकी नागरिक सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने स्टॉकहोम की एक अदालत का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 38 वर्षीय मोमिका को बुधवार रात स्टॉकहोम के पास सॉडेटेलिए (Sodertalje) इलाके में गोली मारी गई। पुलिस को एक व्यक्ति के गोली लगने की सूचना मिली थी, जिसके बाद घटनास्थल पर पहुंचकर उन्होंने उसे गंभीर रूप से घायल पाया। बाद में, उसकी पहचान सलवान मोमिका के रूप में हुई। मोमिका की इस हमले में मौत हो चुकी है।
स्टॉकहोम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा कि गुरुवार को मोमिका के खिलाफ एक मुकदमे में फैसला सुनाया जाना था, जिसे टाल दिया गया क्योंकि आरोपी की मौत हो गई थी। कोर्ट के एक जज गोरान लुंडाहल ने पुष्टि की कि मृतक मोमिका ही था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मोमिका की मौत कब और कैसे हुई।
कई बार किया था कुरान का अपमान
सलवान मोमिका ने स्वीडन में कई बार कुरान जलाने और उसका अपमान करने की घटनाओं को अंजाम दिया था। उसके इन कृत्यों के कारण दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश देखने को मिला था। कई मुस्लिम देशों में इस पर विरोध प्रदर्शन और दंगे हुए, जिससे स्वीडन को भी राजनयिक स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। फिलहाल मोमिका की हत्या किसने की है इसको लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। लेकिन पिछले दिनों स्वीडन की खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि ईरान से उसे धमकियां मिल रही हैं।
स्वीडन में चल रही थी जांच
स्वीडिश अधिकारियों ने मोमिका के खिलाफ जातीय समुदायों को भड़काने के आरोप में जांच शुरू की थी। उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा था, और गुरुवार को उसकी सुनवाई होनी थी। हालांकि, उसकी मौत के कारण यह सुनवाई स्थगित कर दी गई।
स्वीडन में शरण, फिर हत्या
इराक से 2018 में स्वीडन आए मोमिका को 2021 में तीन साल का अस्थायी निवास परमिट दिया गया था। उसकी गतिविधियों के कारण स्वीडन की सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ा था। स्वीडिश समाचार एजेंसी SVT के अनुसार, इस हत्या के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकारी अभियोजक रस्मस ओमन ने बताया कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
धार्मिक आजादी बनाम नफरत भड़काने का मुद्दा
मोमिका ने अपने कार्यों को धार्मिक आलोचना बताया था और कहा था कि उसका उद्देश्य मुस्लिम लोगों के खिलाफ नहीं, बल्कि इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ प्रदर्शन करना था। उसका दावा था कि वह स्वीडन की आबादी को कुरान के संदेशों से “बचाने” के लिए यह कर रहा था। उसकी हत्या के पीछे क्या कारण हैं और क्या यह बदले की कार्रवाई थी, इसकी जांच अभी जारी है।
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