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भारत में भारत की जीत का जश्न नहीं मना सकते..? अहमदाबाद में मुस्लिमों ने किया पथराव, 6 घायल

अहमदाबाद/स्वराज टुडे: गुजरात के अहमदाबाद के खोखरा इलाके में 23 फरवरी को जो घटना घटी, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत की जीत का जश्न मना रहे हिंदुओं पर अचानक पथराव हुआ, और इस हमले ने एक बार फिर उस सोच को उजागर किया, जो देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाती है।

विराट कोहली के नाबाद शतक से भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया। इस जीत के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। अहमदाबाद के खोखरा इलाके में अनुपम सिनेमा के पास हिंदू लोग पटाखे फोड़ रहे थे, भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारे गूंज रहे थे। लेकिन इस जश्न को अचानक हिंसा ने घेर लिया, जब 15-20 मुस्लिमों की भीड़ वहां पहुंची और पत्थरबाजी शुरू कर दी।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस घटना की शुरुआत दो मुस्लिम बाइक सवारों से हुई, जिन्होंने पटाखों को लेकर बहस की और फिर वहां से चले गए। थोड़ी देर बाद वे एक बड़ी भीड़ के साथ लौटे और बिना किसी चेतावनी के पत्थर फेंकने लगे। इस हमले में 6-7 लोग घायल हुए, जिनमें से एक युवक के सिर में गंभीर चोट आई और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। पुलिस ने इलाके में भारी फोर्स तैनात कर दी है और जांच जारी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, न ही कोई FIR दर्ज की गई है। घायलों का इलाज चल रहा है, मगर इस घटना ने देश के सामने एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है।

क्या भारत में रहकर भारत की जीत का जश्न मनाना अपराध है? क्या जो लोग इस तरह की हिंसा करते हैं, उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठते? आखिर क्यों भारत में रहकर भी कुछ लोगों के दिल में पाकिस्तान के लिए इतनी मोहब्बत है कि वे भारत की खुशी को बर्दाश्त नहीं कर पाते? ये वही लोग हैं, जो कहते हैं कि हमने इस्लामी मुल्क पाकिस्तान को छोड़कर हिंदुस्तान को अपनाया, लेकिन फिर भी उनके नारों में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की गूंज अक्सर सुनाई देती है।

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ये घटनाएं बहुत कुछ कहती हैं। ये वही सच हैं, जिन्हें अगर नजरअंदाज किया जाता रहा, तो ये आवाज़ें कानों में धमाकों की तरह गूंजती रहेंगी। अब समय आ गया है कि इस सच्चाई को सुना जाए, समझा जाए और उचित कदम उठाए जाएं, ताकि भारत की अखंडता और एकता को कोई आंच न पहुंचे।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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