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पत्नी से प्रताड़ित फिर एक शख्स ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में की कानून बदलने की मांग

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मध्यप्रदेश
इंदौर/स्वराज टुडे : लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे है, जिन्होंने भारतीय समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, हमेशा से यही बात कही जाती रही है, कि महिला ही पीड़िता होती है। लेकिन अब लगातार शादीशुदा युवक आत्महत्या कर रहे है, ऐसे में सामाजिक परिवेश और न्यायपालिका की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े होना लाजिमी है ।

ये मामला इंदौर जिले के बाणगंगा थाना क्षेत्र का है जहां पत्नी और ससुराल वालों से परेशान होकर एक युवक ने आत्महत्या कर लिया है। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में मृतक ने अपनी पत्नी, सास और सालियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

इसके अलावा मृतक ने भारत सरकार से भी कानून में बदलाव लाने की मांग की है। सुसाइड नोट में लिखा है कि अगर ये कानून नहीं बदला गया तो इसी तरह से महिलाएं इसका दुरुपयोग करती रहेंगी और रोज देश के युवा मरते रहेंगे और उनके परिवार उजड़ते रहेंगे। सुसाइड लेटर लिखने के बाद शख्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। युवक के इस नोट ये बात स्पष्ट है कि कानून में जो महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है, उसका अनुचित लाभ महिलायें उठा रही है।

मां के नाम लिखा इमोशनल लेटर 

मृतक ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें उसने अपनी पत्नी, सास और पत्नी की दोनों बहनों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। दो पन्नों के सुसाइड नोट में एक लेटर उसने अपनी मां के लिए, जबकि एक लेटर भारत सरकार से कानून बदलने की मांग को लेकर लिखा है। अपने मां को लिखे लेटर में उसने लिखा है, ‘मम्मी सुनो! मेरे जाने के बाद तुम रोना मत और ना ही किसी को रोने देना। अगर तुम लोग रोओगे तो मुझे मरने के बाद भी तकलीफ होगी। मम्मी मैं वापस तुम्हारा बेटा बनके आऊंगा।’ इसके बाद उसने इसी लेटर में आगे लिखा है, ‘मेरी मौत का कारण सिर्फ और सिर्फ मेरी पत्नी, सास और पत्नी की दोनों बहने हैं।’ इस तरह महिला प्राथमिकता के कानून के कारण युवा आत्महत्या कर रहे है, बेंगलूर से शुरू हुआ मामला अब लगातार नये मामलों के रूप में सामने आ रहा है, ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या अब कानून में बदलाव करना चाहिए?

भारत सरकार और युवाओं से की अपील 

साथ ही दूसरे लेटर में मृतक ने लिखा है, ‘मैं नितिन पड़ियार, भारत सरकार से ये विनती करता हूं कि भारत का कानून बदलें, क्योंकि महिलाएं इस कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। अगर आपने यह कानून व्यवस्था नहीं बदली तो रोज कई लड़के और उनके परिवार उजड़ते रहेंगे।

भारत के सभी युवाओं से मेरा निवेदन है कि शादी न करें और अगर करते भी हैं तो एग्रीमेंट बनवाकर शादी करें। अगर किसी को भी ये समझ में आए कि मेरे साथ बुरा हुआ है तो मेरे मरने के बाद मुझे न्याय दिलाएं और अगर समझ में न आए तो खुद की बारी का इंतजार करें।’ ऐसे ही इस मामले में आपको बता दें कि सिर्फ छेड़छाड़ के नाम पर ही महिला सीधा FIR करवाने का अधिकार रखती है, ऐसे में आपको पहले जेल जाना पड़ेगा और बड़ी मुश्किल से कोर्ट में आपको साबित करना पड़ेगा। ऐसे में पीड़ित बदनामी का शिकार हो जाता है। जिसके कारण कई बार वो युवतियों के ब्लैकमेल का शिकार भी होता रहता है।

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Deepak Sahu

Editor in Chief

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