नई दिल्ली/स्वराज टुडे: बिहार में गरीब परिवार के बच्चों को अच्छी कमाई और सुविधाओं का लालच देकर देश के दूसरे राज्यों में मजदूरी कराने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं. बच्चों को काम के बदले बहुत कम पैसा तो दिया जाता ही है साथ ही उनसे काम भी ज्यादा लिया जाता है.
शुक्रवार को बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे पुलिस ने भी मानव तस्करी में शामिल एक गिरोह का भंडाभोड़ कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया और 12 बच्चों को उनके कब्जे से मुक्त कराया. ये सभी बच्चे और तस्कर क्रमभूमि एक्सप्रेस में सवार थे. इन्हें पंजाब और हरियाणा में चावल फैक्टरी और दुकानों में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था.
रेलवे पुलिस सभी बच्चों के एड्रेस को वेरिफाई कर रही है. साथ ही इस बात की जांच में भी जुटी की यह गिरोह अब तक कितने बच्चों को बाल श्रम में धकेल चुका है. इसके लिए पुलिस बाल श्रम के खिलाफ काम कर रही संस्था बचपन बचाओ से भी सहयोग ले रही है.
गुमसुम बैठे थे बच्चे
रेलवे पुलिस ने बताया कि मानव तस्करी रोकने के लिए रेलवे पुलिस ट्रेनों ने ट्रेनों में निगरानी बढा रखी है. रेलवे पुलिस कर्मचारी जब क्रमभूमि एक्सप्रेस में जब चेकिंग कर रही थी तो उसे एक साधारण डिब्बे में 12 बच्चे बैठे हुए मिले. सभी बच्चे गुमसुम बैठे थे और डरे हुए लग रहे थे. इस पर कर्मचारियों को शक हुआ. बच्चों को विश्वास में लेकर जब उनसे बातचीत की तो पता चला कि इन्हें हरियाणा और पंजाब में मजदूरी कराने ले जाया जा रहा है.
7 मानव तस्कर भी गिरफ्तार
रेल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नाबालिग बच्चों को जालंधर, लुधियाना और अम्बाला मजदूरी कराने के लिए साथ ले जाया जा रहा था. मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चों के साथ ही उसी ट्रेन में सवार सात मानव तस्करों, सुरेश कुमार महतो, दीपक कुमार महतो, हीरो ऋषि, सुमन कुमार मंडल, विपिन सदा, राकेश कुमार और मिथुन ऋषि को भी उतार लिया गया. तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पास से 6 मोबाइल और 5 साधारण रेल टिकट बरामद हुए हैं.
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