तिरुपति बालाजी में दान किए गए बालों का क्या होता है? होश उड़ा देगा यह सच

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नई दिल्ली/स्वराज टुडे: भारत रहस्यों और आस्थाओं की भूमि है. यहां ऐसे कई मंदिर हैं जिनकी अनोखी परंपराओं और चमत्कारों ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है. इन्हीं रहस्यमयी मंदिरों में से एक है आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमला पर्वत पर स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर.

सदियों से चली आ रही है बाल दान करने की परंपरा

यह मंदिर न सिर्फ अपनी भव्य वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की एक अनोखी परंपरा इसे और भी खास बनाती है. इस परंपरा के तहत भक्त अपने बाल भगवान को अर्पित करते हैं. बाल दान की यह प्रथा सदियों से चली आ रही है

तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालु अपने सिर के बाल भगवान वेंकटेश्वर को अर्पित करते हैं. इसका धार्मिक महत्व यह है कि भक्त अपने अहंकार और सौंदर्य को त्याग कर पूर्ण समर्पण भाव से ईश्वर को स्वीकार करता है. हर साल यहां विश्वभर से 500 से 600 टन तक बाल दान किए जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि यहां दान किए गए बालों का आखिर क्या होता है, चलिए जानें.

दान किए गए बालों का क्या होता है?

असल में दान किए गए इन बालों की विशेष नीलामी होती है, जिसका आयोजन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट यानि TTD करता है. यह नीलामी हर साल के पहले गुरुवार को की जाती है. दान किए गए बालों को पहले साफ-सफाई की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पहले इनको उबालकर कीटाणुरहित किया जाता है, फिर धोकर सुखाया जाता है और इसके बाद बड़े गोदामों में सुरक्षित रखा जाता है. इसके बाद इन्हें गुणवत्ता और लंबाई के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में बांट दिया जाता है.

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करोड़ों की कमाई

बालों की इस नीलामी से मंदिर ट्रस्ट को करोड़ों रुपये की आय होती है. एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2018 में ही मासिक नीलामी से लगभग 6.39 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. आंकड़े बताते हैं कि अलग-अलग श्रेणी के लगभग 1,87,000 किलोग्राम बाल उस साल बेचे गए थे.

रिपोर्ट के अनुसार सबसे बेहतर श्रेणी के करीब 600 किलोग्राम बाल 22,494 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिके, जिससे लगभग 1.35 करोड़ रुपये की आमदनी हुई.

दूसरी श्रेणी के 2400 किलोग्राम बाल 17,223 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिके और लगभग 4.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई.

तीसरी श्रेणी में 500 किलोग्राम बाल बिके, जिनकी दर 2833 रुपये प्रति किलोग्राम रही और इससे 14 लाख रुपये से अधिक प्राप्त हुए.

वहीं चौथी और पांचवीं श्रेणी के बाल भी लाखों रुपये में बिके. यहां तक कि सफेद बाल भी बाजार में बड़ी कीमत पर खरीदे जाते हैं.

विश्वभर में है मांग

तिरुपति में दान किए गए बालों की मांग केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. इन बालों का इस्तेमाल विग, हेयर एक्सटेंशन और ब्यूटी इंडस्ट्री में किया जाता है. चीन, अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में इनकी भारी मांग है. यही कारण है कि तिरुमाला मंदिर की यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण हो चुकी है.

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दीपक साहू

संपादक

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