बिहार
लखीसराय/स्वराज टुडे: लखीसराय जिला अंतर्गत बड़हिया शहर के नगर परिषद के वार्ड संख्या सात टोला दुखहरण का निवासी पंकज कुमार इन दिनों कश्मीर के सोनमार्ग में सीआरपीएफ की 118वीं बटालियन में पदस्थापित हैं। मंगलवार को उनके पदस्थापन स्थल से मात्र कुछ किलोमीटर दूर, पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में दो दर्जन से अधिक निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई।
पहलगाम हमले से पंकज का पूरा परिवार आहत
इस दर्दनाक घटना से पंकज कुमार का परिवार भी बेहद आहत है, पर देशभक्ति की भावना में कोई कमी नहीं दिखती। पंकज कुमार की वृद्ध मां कौशल्या देवी ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने अपने इकलौते पुत्र को देश की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया है। जिन्होंने कहा कि हमने अपने बेटे को सीमा पर इसलिए भेजा है ताकि वह देश और मातृभूमि के प्रति अपने कर्ज को अदा कर सके। पर जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो मन पीड़ा से भर जाता है। सरकार को इन आतंकियों को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए।
दूरभाष पर पत्नी को दी अपनी कुशलता की जानकारी
पंकज कुमार की पत्नी सिम्मी देवी ने बताया कि घटना की खबर उन्हें टीवी और मोबाइल के माध्यम से मिली। तत्पश्चात उन्होंने अपने पति से संपर्क किया। जिन्होंने उन्हें बताया कि घटना स्थल उनके कार्यस्थल से करीब 100 किलोमीटर दूर है। पंकज ने बताया कि सभी सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड में हैं, और अपने कर्तव्यों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
देश सेवा की अनूठी मिसाल पेश करता है पंकज का पूरा परिवार
पंकज कुमार का परिवार देश सेवा की अनूठी मिसाल पेश करता है। परिवार के करीब दर्जन भर सदस्य केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न रक्षा विभागों में कार्यरत हैं। पंकज कुमार के पिता भी सेना में सेवा दे चुके हैं। घर के सदस्य संजय कुमार और अजीत कुमार राधे सीआईएसएफ में, वैभव कुमार और उदय शंकर सिंह झारखंड की गृह रक्षा वाहिनी में, रामाशीष सिंह बीएमपी में सूबेदार के पद पर, उनके पुत्र रणधीर कुमार एयरफोर्स में और मनोज कुमार इंटेलिजेंस ब्यूरो में और विपिन कुमार सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर पद पर देश के अलग अलग हिस्सों में तैनात हैं। ऐसे में पंकज कुमार और उनका परिवार एक प्रेरणा बनकर सामने आया है। जिनका समर्पण, त्याग और देशभक्ति बखूबी सिखाता है कि सच्चा राष्ट्रप्रेम केवल शब्दों में नहीं, कर्मों में होता है। सरकार से अब यही अपेक्षा है कि वह आतंकियों को करारा जवाब दे और देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
यह भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने लिए 5 बड़े फैसले, जानें पाकिस्तान पर कितना होगा असर
यह भी पढ़ें: बच्चे नहीं तो कक्षा नहीं, फिर शिक्षकों की उपस्थिति क्यों ज़रूरी ?

Editor in Chief