हड़ताल पर गए एनएचएम कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया “नो वर्क-नो पेमेंट” नोटिस, एनएचएम कर्मियों ने अनुकंपा नियुक्ति मिलने तक हड़ताल जारी रखने करी घोषणा

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छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: नियमितीकरण सहित अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के एनएचएम कर्मचारियों प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए “नो वर्क-नो पेमेंट” का नोटिस जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि संविदाकर्मी यदि काम नहीं करते हैं तो उन्हें वेतन नहीं मिलता है। एनएचएम कर्मचारी कई दिनों से हड़ताल पर हैं, इसलिए विभाग ने यह कदम उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि कर्मचारियों की कई मांगों पर सहमति दी जा चुकी है, जिसमे 22% वेतन वृद्धि, ट्रांसफर नीति बनाना, 30 दिन के चिकित्सकीय अवकाश की सुविधा शामिल हैं। जहाँ तक एनएचएम कर्मचारियों के नियमितीकरण का सवाल है, इसे केवल भारत सरकार की सहमति से ही पूरा किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है।

जाने क्या है पूरा मामला

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भर्ती हुए कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इनमें से पांच मांगे राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार की जबकि पांच अन्य केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार की हैं। कोरबा में चल रहे प्रदर्शन के बीच अमरदीप मरकाम नामक कर्मचारी की हाइपरटेंशन से मृत्यु हो गई। कर्मचारियों ने उसे श्रद्धांजलि देने के साथ अपने आंदोलन को जारी रखने की बात कही।

कोरबा के ओपन थिएटर क्षेत्र के पास राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से संबंधित कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इसमें सभी शासकीय चिकित्सालयो और कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी शामिल है। उन्होंने काफी समय से मांगो के लंबित होने का हवाला देकर इस बार हड़ताल की है। कर्मचारी संगठन से संबंधित प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत करते बताया कि अनुकंपा नियुक्ति के कई मामले लंबित पड़े हैं। हमारी मांग है कि ऐसे सभी मामलों में दिवंगत कर्मचारियों के एक आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाना चाहिए। मांग पूरी होने तक हमारा आंदोलन चलता रहेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े हुए कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी अस्पतालों मैं कई प्रकार की सेवाओं पर असर पड़ा है। मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रों के माध्यम से कामकाज को सुचारू रूप से चलने की कोशिश की जा रही है।

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याद रहे 2 दिन पहले ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के द्वारा इस बात को कहा जा चुका है कि प्रदेश सरकार के क्षेत्राधिकार की पांच मांगों को मान लिया गया है लेकिन बाकी मांगों के लिए यहां से कुछ नहीं हो सकता।

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दीपक साहू

संपादक

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