मलकानगिरी में आदिवासियों की भीड़ ने बांग्लादेशियों की बस्ती को किया आग के हवाले, 150 घर जलकर हुए खाक, इंटरनेट सेवा बंद, पूरे जिले में हाई अलर्ट

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भुवनेश्वर/स्वराज टुडे: ओडिशा के मालकानगिरी जिले के कोरूकोंडा प्रखंड के एमवी-26 गांव में आदिवासी महिला का सिर कटा शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी। सोमवार रात दस हजार आदिवासियों ने एकजुट होकर बांग्लादेशियों की बस्ती में आग लगा दी जिसमें 150 से अधिक घर जलकर खाक हो गए।

जमकर लूटपाट की। पूरा गांव जलकर खाक हो गया।

बताया गया कि राखालगुड़ा गांव की लाके पाड़ियामी का सिर कटा शव चार दिसंबर को मिला। इसके बाद स्थिति विस्फोटक होती चली गई। आदिवासी समुदाय का आरोप है कि जमीन विवाद के कारण हत्या की गई। इसके विरोध में दो दिनों से लोग आंदोलनरत थे। पहले रविवार को आदिवासी समुदाय ने बांग्लादेशियों के एमवी-26 गांव पर हमला किया।

पुलिस को लगा कि स्थिति अब शांत हो जाएगी, लेकिन सोमवार को स्थिति और बिगड़ गई। दस हजार आदिवासियों ने पारंपरिक हथियारों से लैस होकर गांव को घेर लिया। गांव खाली था, क्योंकि निवासी घरों को छोड़कर अज्ञात स्थानों पर छिपे हुए थे। पुलिस की मौजूदगी में आदिवासियों ने 150 से अधिक घर जला दिए।

एसपी बिनोद पाटिल ने उग्र आदिवासियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ नहीं मानी। गांव में घुस गई। तोड़फोड़ करते हुए पूरे गांव को आग के हवाले कर दिया। कुछ ही मिनटों में गांव जलकर खाक हो गया। आग बुझाने पहुंचे दमकल वाहनों को भी भीड़ ने निशाना बनाया।

गायब सिर की तलाश के लिए अनेक टीम रवाना

उधर, मलकानगिरी कलेक्टर के अनुसार, गायब सिर की तलाश के लिए एक वैज्ञानिक टीम, एक स्निफर डाग स्क्वाड और ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल मौके पर पहुंच गई है। साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। मृतका का अंतिम संस्कार पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को किया गया। दोनों समुदायों के बीच समझौता हो गया है।

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पुलिस महानिदेशक ने लिया हालात का जायजा

सोमवार शाम पुलिस महानिदेशक वाइबी खुरानिया ने एडीजी संजीव पंडा, इंटेलिजेंस डीआइजी अखिलेश्वर सिंह और दक्षिण-पश्चिम रेंज डीआइजी केवी सिंह के साथ मालकानगिरी पहुंचकर हालात की समीक्षा की।

बंगीय समाज ने निकाली रैली, मुआवजे की मांग

उधर, बंगीय समाज ने एमवी-3 गांव में बैठक कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने, प्रभावितों को मुआवजा देने व हत्या के आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। समाज के लोगों ने जिलाधीश कार्यालय तक विशाल रैली भी निकाली। जिलाधीश ने दोनों पक्षों के बीच संवाद का प्रयास किया।

हाई अलर्ट पर रखे गए हैं जिले के सभी थाने

हिंसा को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल, डीवीएफ और बीएसएफ की तैनाती की गई है। जिले में आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदाय आमने-सामने नजर आ रहे हैं। हिंसा फैलने की आशंका को देखते हुए सभी थानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी के आदेश दिए गए हैं।

पीड़िता के परिवार को चार लाख मुआवजा

मलकानगिरी कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता के परिवार को चार लाख की सहायता राशि घोषित की है। जबकि बेटे को पहले ही 30,000 रुपये की मदद दी जा चुकी है। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है।

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दीपक साहू

संपादक

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