उत्तरप्रदेश
मुरादाबाद/स्वराज टुडे: अगर आप भी सोचते हैं कि बाजार से लाया देसी अंडा असली देशी मुर्गी का है तो जरा रुकिए! मुरादाबाद में एक ऐसा खेल पकड़ा गया है कि सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।
जी हां, सफेद अंडों को आर्टिफिशियल केमिकल कलर से रंगकर उन्हें देसी अंडे के रूप में बेचा जा रहा था। और ये कोई छोटा-मोटा धंधा नहीं था – पूरे 81 हजार से ज्यादा नकली देसी अंडे जब्त किए गए हैं!
छापे में खुली गोरखधंधे की पोल
मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में रामपुर तिराहा के पास बरवाड़ा मझरा इलाके में अल्लाह खान नाम के शख्स का अंडा गोदाम है। यहीं पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापा मारा। टीम का नेतृत्व खुद मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी कर रहे थे। जैसे ही गोदाम के अंदर घुसे, वहां का नजारा देखकर सभी दंग रह गए।
गोदाम में हजारों की संख्या में सफेद अंडे रखे थे जिन्हें रासायनिक रंग से भूरा किया जा रहा था, ताकि वो बिल्कुल देसी अंडों जैसे दिखें। इसके अलावा पहले से रंगे हुए 45,360 रंगीन अंडे और रंगने के लिए रखे 35,640 सफेद अंडे भी बरामद हुए। कुल मिलाकर 81,000 डुप्लीकेट देसी अंडे पकड़े गए जिनकी बाजार कीमत करीब 3 लाख 89 हजार 772 रुपये बताई जा रही है।
केमिकल कलर से बन रहा था “देसी” अंडा!
सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि गोदाम में आर्टिफिशियल कलर की बोतलें, डाई और रंगने का पूरा सेटअप मिला। सफेद अंडों को पहले धोया जाता था, फिर उन पर खतरनाक केमिकल कलर छिड़का जाता था और सुखाकर देसी अंडे की तरह पैक कर दिया जाता था। ये अंडे लोकल बाजारों के साथ-साथ दूसरे शहरों में भी सप्लाई किए जा रहे थे।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ऐसे रंगों का इस्तेमाल सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। लंबे समय तक ऐसे अंडे खाने से लीवर-किडनी की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है।
गोदाम सील, केस दर्ज
छापेमारी के बाद पूरे गोदाम को सील कर दिया गया। सारे अंडे और रंगने का सामान जब्त कर लिया गया। 3.89 लाख रुपये से ज्यादा का माल सीज किया गया है। साथ ही कटघर थाने में अल्लाह खान और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दे दी गई है। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की तलाश कर रही है कि ये नकली अंडे कहां-कहां भेजे जा रहे थे।
आपके लिए जरूरी सावधानी
अब सवाल ये है कि आप कैसे पहचानें कि आपके घर आया देसी अंडा असली है या नकली?
● असली देसी अंडे का रंग हल्का भूरा और थोड़ा असमान होता है, जबकि नकली अंडों पर रंग एकसमान और चमकदार दिखता है।
● अगर अंडे पर हल्का सा रंग हाथ पर लग जाए तो समझ जाइए वो नकली है।
● ज्यादातर असली देसी अंडे छोटे-बड़े साइज के मिलते हैं, बिल्कुल एक जैसे साइज वाले अंडे संदेहास्पद हो सकते हैं।
दोस्तों, ये कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी कई शहरों में ऐसा फ्रॉड पकड़ा गया है क्योंकि देसी अंडे की कीमत सामान्य अंडों से दोगुनी तक होती है। लालच में कुछ लोग हमारी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए अगली बार जब भी बाजार से देसी अंडे लें तो थोड़ा ध्यान से देख लीजिएगा। आपकी एक छोटी सी सावधानी आपके परिवार की सेहत बचा सकती है।
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