
इस्लामाबाद/स्वराज टुडे: पाकिस्तान में सेना के काफिले पर रविवार को बड़ा हमला (Pakistan Attack On Armed Forces) किया गया है. बलूचिस्तान के नुश्की में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर IED से हमला किया गया है. इस हमले में 90 सैनिकों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है.
हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है. BLA ने 90 सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है. वहीं 11 सैनिकों की मौत और 21 के घायल होने की पुष्टि पाकिस्तान सरकार की तरफ से की गई है. बता दें कि ये सभी सैनिक क्वेटा से काफ्ताना जा रहे थे. इसी दौरान घात लगाए बैठे बीएलए के विद्रोहियों ने उनके काफिले पर आईईडी से हमला कर दिया.
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सैनिकों के काफिले में 8 बसें और अन्य वाहन शामिल थे. बीएलए के विद्रोहियों ने सबसे पहले बसों को आईईडी से निशाना बनाया. हमले में सेना की एक बस पूरी तरह से तबाह हो गई. बता दें कि एक हफ्ते में दूसरी बार बीएलए ने पाकिस्तान को निशाना बनाया है.11 मार्च को बलूच लिबनेशन आर्मी के विद्रोहियों ने पाकिस्तान की जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था. ये हमला भी बलूचिस्तान में ही किया गया था. इस घटना में ट्रेन में सवार 21 यात्री मारे गए थे. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ट्रेन को हाईजैक करने के बाद पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए सभी बलूच राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब हुए लोगों को रिहा करने की मांग की थी. महज 6 दिन के भीतर बीएलए ने अब दूसरा हमला कर पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाया है.
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी BLA क्या है?
- BLA पाकिस्तान के बलूचिस्तान का सक्रिय सशस्त्र समूह है.
- ये संगठन बलूचिस्तान की पूर्ण आजादी की मांग कर रहा है.
- साल 2000 के दशक से ये संगठन संघर्ष कर रहा है.
- पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ इसका संघर्ष जारी है.
- बलूचिस्तान इलाका प्राकृतिक संसाधनों जैसे गैस, तांबा और सोने से समृद्ध है.
- बलूच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार इनका शोषण करती है.
पहले ट्रेन हाईजैक, अब सैनिकों के काफिले पर हमला
11 मार्च, मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही थी. इस ट्रेन में 440 यात्री सवार थे. तभी सशस्त्र विद्रोहियों ने घात लगाकर ट्रेन पर हमला कर दिया. उन्होंने पहले पटरी को बम से उड़ाया. इसके बाद फायरिंग कर ड्राइवर को घायल कर दिया और फिर ट्रेन को हाईजैक कर लिया. करीब 30 घंटे तक सेना औ विद्रोहियों के बीच घातक मुठभेड़ चली. इस घटना में 21 नागरिक और चार सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि अंतिम सैन्य अभियान में सभी 33 बीएलए विद्रोही मारे गए थे.
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