पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने लिए 5 बड़े फैसले, जानें पाकिस्तान पर कितना होगा असर

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नई दिल्ली/स्वराज टुडे: पहलगाम हमले के दूसरे दिन भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार माना है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने 5 बड़े फैसले लिए हैं।

इसमें 65 साल पुराने सिंधु जल संधि को रोका गया है। अटारी चेक पोस्ट बंद कर दिया गया है। वीजा बंद कर दिया गया और उच्चायुक्तों को हटा दिया है। जानिए, सरकार के इन फैसलों का पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा…

1. सिंधु जल संधि समझौता रद्द होने से पाकिस्तान में जल संकट छाएगा, आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी

सिंधु जल संधि: 19 सितंबर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों का पानी बांटने को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे सिंधु जल संधि कहते हैं। इस समझौते पर पंडित नेहरू और अयूब खान ने हस्ताक्षर किया था।

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समझौते के तहत, भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का इस्तेमाल करने की परमिशन दी गई।

समझौते का मकसद: सिंधु जल समझौते का मकसद था कि दोनों देशों में जल को लेकर कोई संघर्ष न हो और खेती करने में बाधा न आए। हालांकि, भारत ने हमेशा इस संधि का सम्मान किया, जबकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगातार लगते रहे हैं। भारत के पाकिस्तान से तीन युद्ध हो चुके हैं, लेकिन भारत ने कभी भी पानी नहीं रोका था। लेकिन पाकिस्तान हर बार भारत में आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार होता है।

पाकिस्तान में अब पानी का संकट होगा: पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर निर्भर है। अब भारत की तरफ से इन नदियों का पानी रोक देने से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा। वहां की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है। पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।

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2. अटारी चेक पोस्ट बंद होने से पाकिस्तानियों की आवाजाही नहीं हो सकेगी

साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से ही पाकिस्तान से द्विपक्षीय व्यापार बंद है। किसी तीसरे देश के माध्यम से भारत-पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात होता है। हालांकि, दोनों देशों के बीच छोटे-मोटे सामनों का लेन देन होता है। जैसे- सेंधा नमक, चमड़े का सामना, मुल्तानी मिट्टी, तांबे का सामना, मिनरल मिल्स, ऊन और चूना हैं।

अटारी चेक पोस्ट के बंद होने से पाकिस्तान के लोगों की आवाजाही तो बंद होगी ही, साथ ही छोटे सामानों को भारत निर्यात नहीं कर पाएगा। इससे वहां के छोटे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा।

भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को इस रास्ते से लौटने के लिए 1 मई तक का वक्त दिया गया है। इसके बाद वह इस रास्ते से नहीं लौट पाएंगे।

3. वीजा सर्विस के साथ आतंकियों के आने का रास्ता भी बंद

भारत ने पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं SAARC वीजा छूट योजना से भी पाकिस्तान के लोग भारत नहीं आ पाएंगे। जो पाकिस्तानी नागरिक वर्तमान में भारत में है उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।

फैसले का मकसद: पाकिस्तान के कई लोगों की रिश्तेदारी भारत में है। ​ऐसे में कई बार पाकिस्तानी लोग रिश्तेदार बनकर भारत आते हैं। इनके अलावा धार्मिक यात्राओं का बहाना करके भारत आते हैं और आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं। ऐसे में वीजा सर्विस बंद होने से आतंकियों के भारत आने का रास्ता भी बंद हो जाएगा।

4. हाईकमीशन से डिफेंस एडवाइजर्स हटाए

भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी हाईकमीशन में तैनात पाकिस्तानी मिलिट्री, नेवी और एयर एडवाइजर्स को अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय है। 1 मई 2025 तक पाकिस्तान के हाईकमीशन में तैनात कर्मचारियों के संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। भारत ने आजादी के बाद से अब तक दिल्ली में पाकिस्तान के दूतावास को कभी भी बंद नहीं किया है।

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5. अपने डिफेंस एडवाइजर्स भी वापस बुलाए

पाकिस्तान के डिफेंस एडवाइजर्स हटाने के साथ ही भारत भी अपने मिलिट्री, नेवी और एयर एडवाइजर्स को इस्लामाबाद स्थित इंडियन हाईकमीशन से वापस बुलाएगा। संबंधित हाईकमीशन में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सर्विस एडवाइजर्स के 5 सपोर्ट स्टाफ को भी वापस बुलाया जाएगा।

इन दोनों फैसलों का असर

सैन्य-डिप्लोमैटिक संवाद ठप: भारत में पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों की वापसी से दोनों देशों के बीच सैन्य-स्तर की बातचीत और संपर्क पूरी तरह बंद हो जाएंगे।
हाईकमीशन का प्रभाव कम होगा: स्टाफ की संख्या घटकर 55 से 30 हो जाने से पाकिस्तानी उच्चायोग की कार्यक्षमता और भारत में उसकी कूटनीतिक मौजूदगी सीमित हो जाएगी।

हाई अलर्ट पर तीनों सेनाएं

इन कड़े कूटनीतिक फैसलों के साथ-साथ भारत की तीनों सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई CCS बैठक में इन फैसलों को अंतिम रूप दिया गया. यह साफ कर दिया गया है कि भारत अब किसी भी आतंकवादी हमले को सहन नहीं करेगा और हर स्तर पर जवाब देगा. पाकिस्तान को यह संदेश स्पष्ट है अब हर हमले का जवाब सिर्फ सीमा पर ही नहीं बल्कि हर मोर्चे पर दिया जाएगा.

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दीपक साहू

संपादक

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