वेदांता एल्युमिनियम का बड़ा सामाजिक कदम; 4,000 घंटे का संकल्प, लाखों चेहरे पर मुस्कान

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छत्तीसगढ़
कोरबा- बालकोनगर/स्वराज टुडे: अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम निर्माता कंपनी, वेदांता एल्युमिनियम ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी कर्मचारी-नेतृत्व वाली सामाजिक पहल की घोषणा की। इसके तहत कंपनी के 1,800 कर्मचारियों ने मिलकर 4,000 घंटे से अधिक समय समुदाय की सेवा में दिया, जिससे ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा लोगों को लाभ मिला।

यह पहल ‘सामुदायिक विकास’ के प्रति कंपनी की सोच को दिखाती है जो वेदांता एल्युमिनियम की कार्य-संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कर्मचारी सिर्फ अपने काम तक सीमित नहीं रहते, बल्कि सामाजिक कार्य में भी सक्रिय रूप से योगदान देते हैं। वेदांता एल्युमिनियम अपने कर्मचारियों को स्वेच्छा से सेवा करने के लिए लगातार प्रेरित करती है। कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल से आगे बढ़कर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, पर्यावरण और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में कई बदलाव लाने वाली गतिविधियों का नेतृत्व किया। इसमें पेड़ लगाने, तालाबों की सफाई, बच्चों को पढ़ाना, युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं रक्तदान शिविर लगाना शामिल है। इन सभी प्रयासों से समाज पर लंबे समय तक सकारात्मक असर पड़ेगा।

वेदांता एल्युमिनियम के सीईओ श्री राजीव कुमार ने कहा कि वेदांता एल्युमिनियम में हमारी जिम्मेदारी केवल अपने प्रचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि उन समुदाय तक भी है जहाँ हम काम करते हैं। अपने प्रचालन क्षेत्र के आसपास हमारा प्रयास रहता है कि हम वहाँ सकारात्मक और स्थायी बदलाव ला सकें। इस वर्ष हमारे कर्मचारियों और सहयोगियों ने बड़े स्तर पर सेवा कार्यों में भाग लिया है। हमारे कर्मचारियों द्वारा दिए गए लगभग 4,000 घंटे का सेवा योगदान उनके समर्पण, सामाजिक संवेदनशीलता और सकारात्मक बदलाव के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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कंपनी की कई पहल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही हैं। छत्तीसगढ़ के कोरबा में आजीविका कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित महिलाएँ अब विभिन्न प्रदर्शनियों में अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं, जिससे स्थानीय कौशल छोटे व्यवसायों में बदल रहे हैं। ओडिशा के लांजीगढ़ में खेल प्रशिक्षण से युवा तीरंदाज़ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं। वहीं पारंपरिक सौरा और ढोकरा कला को फिर से बढ़ावा मिला है, जिससे कारीगरों को नए बाजार मिल रहे हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में लगाए गए विभन्न स्वास्थ्य शिविर से हज़ारों लोगों को बीमारी संबंधी स्वास्थ्य सेवाएँ और जागरूकता मिली है। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्कूलों में डिजिटल शिक्षा और लैब शुरू की गई हैं। इन सभी कार्यक्रमों की मदद से कंपनी ने अपने प्रचालन वाले क्षेत्रों में समग्र विकास को आगे बढ़ाया है।

निरंतर सामुदायिक विकास कार्यों के माध्यम से वेदांता एल्युमिनियम समुदाय के साथ अपने जुड़ाव को और मजबूत कर रहा है। शुरुआत में कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई सेवा थी, वह अब पूरे वर्ष चलने वाले मुहिम में बदल गई है, जिसमें सभी मिलकर शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बदलाव ला रहे हैं। कंपनी का यह प्रयास यह सुनिश्चित कर रहा है कि विकास की रोशनी हर उस क्षेत्र तक पहुँचे, जहाँ वह काम करती है।

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दीपक साहू

संपादक

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