कोलकाता/स्वराज टुडे: एक जनसभा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भरे मंच से ऐलान किया कि अगर उन पर किसी भी तरह का हमला हुआ, तो वह पूरा भारत हिला देंगी। हेलीकॉप्टर रोके जाने और वोटर लिस्ट रिवीजन यानी SIR को लेकर चल रहे विवाद के बीच उनकी इस तीखी टिप्पणी ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
हेलीकॉप्टर से यात्रा की नहीं मिली अनुमति तो बौखलाई ममता
ममता बनर्जी ने बताया कि उन्हें हेलीकॉप्टर से यात्रा करनी थी, लेकिन सुबह अचानक खबर मिली कि उड़ान की अनुमति नहीं है। इसे अपने खिलाफ एक गहरी साजिश बताते हुए वह पैदल ही लोगों के बीच पहुंच गईं। उन्होंने भाजपा को सीधे ललकारते हुए कहा कि विरोधी उन्हें छू भी नहीं पाएंगे क्योंकि वह उनका खेल समझ चुकी हैं। ममता ने साफ कर दिया कि चुनाव शुरू होने से पहले ही उन्हें परेशान करने और रोकने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन वह झुकने वाली नहीं हैं।
‘SIR’ के नाम पर साजिश का आरोप
ममता ने मतुआ बाहुल्य इलाके में रैली करते हुए कहा कि एसआईआर (SIR) महज एक बहाना है, असल में यह एनआरसी को पिछले दरवाजे से लाने की एक बड़ी साजिश है। चूंकि यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है, इसलिए यहीं से उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखे वार किए। उन्होंने बीएसएफ की भूमिका पर भी सवाल उठाए और पूछा कि अगर घुसपैठिए बंगाल में हैं, तो उन्हें सीमा पार करने किसने दिया और वे अंदर कैसे आए। टीएमसी ने बाद में स्पष्ट किया कि ममता के बयान का मतलब पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता पर हमला बर्दाश्त न करना है और वह इसके खिलाफ देशभर में यात्रा निकालेंगी।
चुनाव आयोग ने मामता से मांगा स्पष्टीकरण, 28 नवम्बर को हाजिर होने का निर्देश
दूसरी ओर, भाजपा ने ममता बनर्जी के इन आरोपों को उनकी हताशा और बौखलाहट करार दिया है। भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी घुसपैठियों की पहचान प्रक्रिया से डर गई हैं, इसलिए अराजकता फैलाने की धमकी दे रही हैं। इस भारी जुबानी जंग के बीच चुनाव आयोग ने भी हस्तक्षेप किया है। आयोग ने ममता बनर्जी से स्पष्टीकरण मांगा है और टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल को 28 नवंबर को सुबह 11 बजे बैठक के लिए बुलाया है। वहां पार्टी एसआईआर समेत अन्य मुद्दों पर अपना पक्ष रखेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल का यह राजनीतिक टकराव आगे क्या नया मोड़ लेता है।
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