उत्तरप्रदेश
लखनऊ/स्वराज टुडे: 9 अक्टूबर का दिन लखनऊ के सड़कों पर नीले झंडे पोस्टर बैनर से लैस बसपा के कार्यकर्ता को देखकर भारतीय जनता पार्टी का विरोध करने वाले नेताओं में उत्साह ही उत्साह था।
वो जानते थे कि इतनी भीड़ देख कर मायावती आपा खो देंगी और योगी सरकार के खिलाफ स्वर्ण समाज को लेकर बयान बाजी करेंगी। जिससे दलित समाज पिछड़ा वर्ग उन नेताओं के खेमें में आ जायेगा जो स्वर्ण समाज का विरोध करते हैं और सरकार को बात बात पर घेरने का काम करते हैं। पर उसका बिल्कुल उल्टा हुआ।
मंच पर मायावती जी पहुंची और अपने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित करने के बाद अपना संबोधन शुरू की । अपने संबोधन में उन्होंने अखिलेश यादव पर जम कर बरसीं । साथ ही समाजवादी पार्टी की नीतियों पर भी बयानबाजी करके योगी सरकार की तारीफ करती नज़र आईं।
मायावती दलित नेता हैं पढ़ी लिखी हैं उन्हें पता है कि अब राजनीति जाति धर्म पर नहीं बल्कि अच्छे कामों पर की जा सकती है। उनको पता है गठबंधन को जनता ठग बंधन समझती है जिससे गठबंधन करने से नुकसान हो सकता है।
मायावती के हाव भाव से लगा कि आने वाले समय में अकेले चुनाव लड़ेंगी और भारतीय जनता पार्टी के विचारों पर चलने की सोच अपने राजनीतिक कैरियर में ला सकती है जिससे कांग्रेस,और समाजवादी पार्टी को काफ़ी नुक़सान हो सकता है।
समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं का बयान बाजी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है मोदी ही मायावती हैं और मायावती ही मोदी।
योगी के बुलडोजर कार्रवाई पर मायावती ने आखिर क्यों नहीं बोला ? दलितों पर हो रहे अत्याचार पर क्यों नहीं बोली? इन सवालों का जवाब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पूछ रहें हैं।
बाकी आप क्या मानते हैं कमेंट में अपनी राय लिख सकते हैं।
*रमाकांत श्रीवास्तव की रिपोर्ट*
यह भी पढ़े: कानपुर धमाके का सच सामने आया, इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड, एसीपी भी हटाए गए

Editor in Chief