छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की शक्ति को एक बार फिर प्रमाणित कर दिया है. थर्ड स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही 47 वर्षीय एक महिला, जो चलने-फिरने में भी असमर्थ थी, उन्होंने मात्र छह महीने के शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार से कैंसर को मात दे दी है। उनकी हालिया मेडिकल रिपोर्ट्स पूरी तरह सामान्य आ चुकी हैं, जिसे एक चमत्कार के रूप में देखा जा सकता है।
ऑपरेशन की सलाह के बाद आयुर्वेद पर जताया भरोसा
शक्ति जिले की रहने वाली गिरिजा गवेल लंबे समय से ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं।जब उनकी यह बीमारी तीसरे चरण (Third Stage) तक पहुँच गई, तो चिकित्सा के विशेषज्ञों ने उन्हें तत्काल ऑपरेशन करवाने की सलाह दी।लेकिन गिरिजा के परिवार ने बड़ा फैसला लिया और सर्जरी के बजाय प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद पर भरोसा जताने का निर्णय किया।
गिरिजा के परिवार ने कोरबा जिले के प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य विशेषज्ञ डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा से संपर्क साधा। उस समय रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि वह क्लिनिक तक चलकर नहीं आ सकती थीं। डॉ.शर्मा को स्वयं क्लीनिक से बाहर निकलकर उनकी गाड़ी में ही जाकर नाड़ी और स्थिति की जांच करनी पड़ती थी।
नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने महिला का प्रकृति परीक्षण किया और आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार उनका इलाज शुरू किया। उन्होंने बताया कि यह उपचार पूरी तरह से आयुर्वेदिक और रोगी की प्रकृति के अनुकूल था। गिरिजा गवेल ने छह महीने तक यह दवा नियमित रूप से ली।
डॉ.शर्मा के लिए सबसे खुशी का पल वह था, जब छह महीने बाद गिरिजा गवेल अपने पैरों पर चलकर उनके क्लिनिक पहुंचीं। उन्होंने बताया, “यह देखकर खुशी का ठिकाना नहीं था. हमने पाया कि मात्र 6 महीने की दवा से ही वह पूर्ण रूप से कैंसर मुक्त हो चुकी हैं। उनकी सारी रिपोर्ट नॉर्मल आ चुकी हैं।
बहन ने कहा- भरोसा कई गुना बढ़ा
पीड़ित महिला की बहन डेनियल गवेल ने इस पूरे अनुभव को साझा करते हुए बताया कि डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन की अंतिम सलाह दिए जाने के बावजूद, हमने एक बार आयुर्वेद को मौका देने की सोची. उन्होंने कहा की मेरी बहन की कंडीशन बहुत खराब थी. आज वह मात्र 6 महीने में पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। इसके लिये डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा को हम बहुत बहुत धन्यवाद देते हैं, आभार प्रकट करते हैं। क्योंकि जब हम अपनी बहन को लेकर इनके पास आये थे तो हमें बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा था की हमारी बहन ठीक हो पायेगी डॉ.साहब ने न केवल दवाइयां दी बल्कि हमारा मनोबल बढ़ाया और भरोसा दिलाया औऱ उसी का परिणाम है की हमारी बहन स्वस्थ हो सकी। इस सफल परिणाम ने आयुर्वेद पर हमारा भरोसा कई गुना बढ़ा दिया है।
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