कब और कैसे शुरू होती है बच्चों में प्राइवेट पार्ट्स के प्रति जिज्ञासा, क्या करें पेरेंट्स?

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Sexual Curiosity in Children: बच्चों के सवालों को समझना और उनका जवाब देना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है। जिस तरह माता-पिता बच्चन के लिए साहित्यिक, सामाजिक, वैज्ञानिक ज्ञान जरूरी समझते हैं, उसी तरह बच्चों के लिए अपने शरीर से जुड़े ज्ञान का होना भी बहुत जरूरी है।

बच्चा अपने शरीर के सभी अंगों के प्रति जागरूक हो यह जिम्मेदारी भी माता-पिता की है। आइए इस लेख में जानते हैं बच्चे द्वारा अपने प्राइवेट पार्ट्स को लेकर पूछे गए सवालों को माता-पिता कैसे हैंडल करें, किस तरह बच्चों के सवालों का जवाब दें, साथ ही यह भी जानेंगे बच्चों के अंदर किस उम्र में सेक्स के प्रति जिज्ञासा या सवाल उत्पन्न होते हैं।

बच्चों में सेक्स के प्रति जिज्ञासा

बच्चों के अंदर सेक्सुअल डेवलपमेंट विकास का एक सामान्य चरण है जो उनकी उम्र के अनुसार उनके अंदर विकसित होता है। बच्चों के अंदर सेक्सुअल डेवलपमेंट को हम चार भागों में बांट सकते हैं 2 से 5 साल, 6 से 9 साल, 10 से 12 साल और 13 साल के बाद।

■ 2 से 5 साल: 2 से 5 साल का उम्र बच्चों के सवाल पूछने की शुरुआत है इस उम्र में बच्चे अपने शरीर के प्रति जानते हैं। बच्चों का अपने शरीर को जानने की इच्छा हाथ, पैर, आंख, कान से शुरू होकर उनके प्राइवेट पार्ट्स तक होती है। इस उम्र में बच्चे यह जानना चाहते हैं कि लड़का और लड़की में क्या फर्क होता है।

■ 6 से 9 साल: इस उम्र में बच्चे अपने दोस्तों में स्कूल में, समाज में या घर में कई ऐसी चीज देखते हैं जिनके जवाब वह जानना चाहते हैं या पूछते हैं। जैसे बच्चे कहां से आते हैं, पेट मोटा क्यों हो रहा है।

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■ 10 से 12 साल: इस उम्र को प्री टीनएज कहा जा सकता है। इस उम्र में बच्चों के अंदर हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं। बच्चे अपने शरीर तथा अपोजिट सेक्स के प्रति होने वाले बदलावों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

■ 13 साल के बाद: इस उम्र में बच्चों के अंदर किशोरावस्था की शुरुआत हो जाती है। इस उम्र में बच्चे भावनात्मक और शारीरिक दोनों प्रकार से ज्यादा आकर्षण महसूस करते हैं।

बच्चों के जिज्ञासा का कारण और संकेत

बच्चों के जिज्ञासा का कारण: बच्चों के अंदर सेक्स के प्रति जिज्ञासा या सवाल के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण है,
★ बच्चों के शरीर और दिमाग का स्वाभाविक विकास।
अपने आसपास जैसे घर, स्कूल, समाज या टीवी, मोबाइल पर सुनी गई बातें या देखे गए सीन।
★ बच्चों के अंदर उम्र के अनुसार हो रहे हार्मोनल बदलाव।
★ बच्चों का अपने माता-पिता या बड़ों के बीच बैठकर बातें सुनना या उनके पर्सनल टाइम को देखना।

बच्चों की जिज्ञासा के संकेत:
◆ बच्चों का अपने या दूसरों के प्राइवेट पार्ट्स के बारे में सवाल पूछना।
◆ अपनी तथा दूसरों जैसे लड़का-लड़की के शरीर में अंतर करना या उनसे जुड़े सवाल पूछना।
◆ बच्चों के खेल में बच्चों का मम्मी-पापा या डॉक्टर का रोल निभा कर खेलना।

पेरेंट्स कैसे हैंडल करें बच्चों को

● अगर आपका बच्चा इस तरह के सवाल पूछता है तो उसे डरना या धमकाना ना करें, बल्कि शांति से काम लें। उनके उम्र के अनुसार उन्हें आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें। अगर बच्चा बड़ा है तो वैज्ञानिक कारण बता सकते हैं।

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● बच्चों को शुरुआत से ही उनके प्राइवेट पार्ट से जुड़ी जानकारी दे। उन्हें गुड टच, बेड टच बताएं। साथ ही उन्हें यह भी समझाएं उन्हें दूसरों से खेलते, बात करते समय किस तरह के टच नहीं करने चाहिए।

● बच्चों के सोशल मीडिया पर नजर रखे कंटेंट फिल्टर का उपयोग करें ताकि बच्चा अपनी उम्र से पहले किसी तरह की गलत जानकारी में ना पड़े।

● यौन शिक्षा को वर्जित मानकर बच्चों के सवालों को इग्नोर ना करें । आपका यह कदम बच्चों को गलत जानकारी की तरफ बढ़ा सकता है।

● अपने बच्चों के सवालों के जवाब देकर उन्हें भरोसे में रखें कि आपसे वह बिना डरे हर बात पूछ सकता है।

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दीपक साहू

संपादक

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