छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने छात्रों के लिए जारी की चेतावनी, कहा – सावधान रहें, प्रवेश से पहले इन बातों की करें पुष्टि

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छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने राज्य के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है. आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से पहले कुछ आवश्यक बिंदुओं की जांच करने की सलाह दी है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके. यह कदम विद्यार्थियों को धोखाधड़ी और अनियमितताओं से बचाने के लिए उठाया गया है.

आयोग के अध्यक्ष विजय गोयल ने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि निजी विश्वविद्यालयों में कॉलेजों में प्रवेश लेने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि संबंधित निजी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन अधिनियम-2005 के तहत विधिवत अधिसूचित है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के परिनियम और अध्यादेश छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र में प्रकाशित होने चाहिए. बिना राजपत्र में प्रकाशन के कोई भी विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दे सकता.

क्या हैं जांच के प्रमुख बिंदु?

आयोग ने विद्यार्थियों और अभिभावकों को निम्नलिखित बिंदुओं की पुष्टि करने को कहा है.

● विश्वविद्यालय की वैधता : यह जांच लें कि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसके परिनियम राजपत्र में प्रकाशित हैं.

● संघटक इकाई की पुष्टि : निजी विश्वविद्यालय एकात्मक स्वरूप के होते हैं, यानी वे किसी अन्य महाविद्यालय या संस्थान को संबद्ध नहीं कर सकते. सुनिश्चित करें कि जिस संस्थान में प्रवेश लिया जा रहा है, वह विश्वविद्यालय की संघटक इकाई है, न कि कोई संबद्ध कॉलेज या शोध संस्थान.

● पाठ्यक्रम की मान्यता : जिस पाठ्यक्रम या डिग्री में प्रवेश ले रहे हैं, वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुमोदित होना चाहिए. साथ ही संबंधित पाठ्यक्रम का अध्यादेश राजपत्र में शामिल होना चाहिए.

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● पीएचडी के लिए विशेष सावधानी : पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि विश्वविद्यालय में यूजीसी के 2022 के न्यूनतम मानक और प्रक्रिया विनियम लागू हैं. साथ ही संबंधित विषय में योग्य और नियमित रूप से पदस्थ शोध निर्देशक उपलब्ध हैं. बाहरी शोध निर्देशकों के माध्यम से शोध कार्य कराना यूजीसी नियमों के खिलाफ है.

क्यों जरूरी है यह सावधानी?

पिछले कुछ वर्षों में, कई निजी विश्वविद्यालयों में अनियमितताओं और गलत जानकारी के आधार पर प्रवेश देने की शिकायतें सामने आई है. कुछ संस्थानों ने बिना मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश देकर विद्यार्थियों के भविष्य को खतरे में डाला है. आयोग की यह पहल सुनिश्चित करती है कि विद्यार्थी और उनके परिवार अपने समय, धन और मेहनत को सही दिशा में लगाएं.

विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए सलाह

आयोग ने सुझाव दिया है कि प्रवेश लेने से पहले विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र की जांच करें. इसके अलावा यूजीसी की वेबसाइट पर भी पाठ्यक्रमों की मान्यता की पुष्टि की जा सकती है. किसी भी संदेह की स्थिति में आयोग के कार्यालय से संपर्क करें.

जागरूकता ही बचाव है

छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की इस चेतावनी का मकसद विद्यार्थियों को जागरूक और सशक्त बनाना है. आयोग ने अपील की है कि अभिभावक और विद्यार्थी जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें और सभी जरूरी तथ्यों की पुष्टि करने के बाद ही प्रवेश प्रक्रिया में आगे बढ़ें.

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दीपक साहू

संपादक

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