जबलपुर-सोहरा/स्वराज टुडे: मध्य प्रदेश के इंद्रकुमार तिवारी की कहानी का इस तरह दुःखद अंत होगा ये किसी ने सोचा नहीं था। अनिरुद्धाचार्य के कार्यक्रम में शादी की इच्छा जताने के बाद उन्हें खुशी नामक महिला से रिश्ता आया। गोरखपुर में धूमधाम से शादी हुई पर अगले ही दिन खुशी और उसके पति कौशल ने मिलकर इंद्रकुमार की हत्या कर दी। उनका मकसद इंद्रकुमार के पैसे और गहने लूटना था। पुलिस ने खुशी और कौशल को गिरफ्तार कर लिया है।
अनिरुद्धाचार्य की कथा में इंद्रकुमार ने सुनाई थी अपनी आपबीती, आप भी देखें वीडियो…
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शादीशुदा दंपति ने इंद्रकुमार को दिया शादी का झांसा
मशहूर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने 3-10 मई तक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम में एक शख्स का वीडियो धड़ल्ले से वायरल होने लगा। 45 वर्षीय इस शख्स का नाम इंद्रकुमार तिवारी था। इंद्रकुमार का सवाल था कि “मेरे पास 18 एकड़ जमीन है, फिर भी मेरी शादी नहीं हो रही है।”। इसके कुछ दिन बाद ही इंद्रकुमार के पास एक फोन आया।
17 मई को इंद्रकुमार के पास कौशल गौर नाम के एक शख्स ने फोन किया था। उसने इंद्र से कहा, “मैंने अनिरुद्धाचार्य की कथा में आपका वीडियो देखा है। मुझे पता चला कि आप शादी करना चाहते हैं। मैं अपनी बहन खुशी की शादी आपसे करवाना चाहता हूं।”
इंद्रकुमार के लिए आया रिश्ता
कौशल के कहने पर इंद्रकुमार ने खुशी से बात की। कई दिनों तक खुशी और इंद्रकुमार की बात होती रही, जिसके बाद रिश्ता पक्का हो गया। 26 मई को कौशल शादी का शगुन लेकर मध्य प्रदेश के सोहरा स्थित इंद्रकुमार के गांव पहुंच गया। 5 जून को शादी की तारीख तय हुई। इंद्रकुमार ने कौशल को 1100 रुपए दिए। हालांकि, कौशल की शर्त थी कि शादी गोरखपुर से होगी।
शादी के बाद हत्या
इंद्रकुमार ने गांव के सुनार से ढेर सारे जेवर बनवाए, पैसे लिए और अपने खानदानी जेवर लेकर शादी के लिए गोरखपुर पहुंच गए। गोरखपुर के एक होटल में इंद्रकुमार और खुशी की शादी हुई, जिसकी तस्वीरें इंद्रकुमार ने गांव के लोगों को भेजीं। हालांकि, कहानी में ट्विस्ट तब आया जब इंद्रकुमार ने शादी के अगले दिन खुशी से गांव चलने के लिए कहा। खुशी और कौशल सोहरा जाने से आनाकानी करने लगे। तभी इंद्रकुमार को उनकी साजिश की भनक लग गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पति-पत्नी निकले कौशल और खुशी
दरअसल खुशी का असली नाम शाहिदा था और वो पहले से शादीशुदा थी। कौशल गौर, खुशी उर्फ शाहिदा का भाई नहीं बल्कि पति था। कौशल से शादी करने के लिए शाहिदा ने अपना धर्म बदला था और फिर खुशी नाम रख लिया था। अब सवाल यह है कि जब खुशी और कौशल शादीशुदा थे, तो उन्होंने इंद्रकुमार से झूठी शादी का नाटक क्यों रचा?
ग्रामीणों ने पुलिस को दिया सबूत
शादी के अगले दिन से इंद्रकुमार ने गांव के किसी व्यक्ति से बात नहीं की और उसका फोन भी बंद आने लगा। गांव के लोगों ने मझौली पुलिस को इसकी जानकारी दी। ग्रामीण पुलिस वालों के साथ गोरखपुर इंद्रकुमार की खोज में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि पुलिस किसी लावारिस लाश की शिनाख्त कर रही है, जो कोई और नहीं बल्कि इंद्रकुमार की थी। ग्रामीणों ने गोरखपुर पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले ही इंद्रकुमार की शादी हुई थी। उन्होंने पुलिस को इंद्रकुमार और खुशी की शादी की तस्वीरें भी दिखाईं।
क्यों रची हत्या की साजिश?
शादी की तस्वीर के आधार पर पुलिस खुशी तक पहुंची। जब सच सामने आया तो सभी के होश उड़ गए। पुलिस के अनुसार, खुशी और कौशल ने अनिरुद्धाचार्य की सभा में इंद्रकुमार का वीडियो देखा और किसी तरह उसका फोन नंबर ढूंढ निकाला। इसके बाद उन्होंने इंद्रकुमार से झूठी शादी का ढोंग रचा, मगर उनका असली मकसद पैसे और गहने लेकर भागना था।
क्या था खुशी और कौशल का प्लान?
शादी के बाद इंद्रकुमार को उनकी इस साजिश का पता चल गया। इंद्रकुमार ने जब अपने पैसे और गहने वापस मांगे तो दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को सूनसान जगह पर फेंक दिया। उनका प्लान था कि इंद्रकुमार का शव सड़ जाएगा और कोई उसे पहचान नहीं पाएगा। मगर पुलिस की पड़ताल ने दोनों की साजिश पर पानी फेर दिया। पुलिस ने खुशी और कौशल को गिरफ्तार कर लिया है।
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