उत्तरप्रदेश
उन्नाव/स्वराज टुडे: उन्नाव जिले में पत्रकारिता पर हमला और प्रशासन की निष्क्रियता का गंभीर मामला सामने आया है। पत्रकार नफीस खान ने आरोप लगाया है कि कोर्ट से पेशी के बाद बाहर निकलते ही अलीशा अंसारी, उनके पति जान मोहम्मद और उनके साथियों ने उन्हें घेरकर जान से मारने की कोशिश की।
घटना का विवरण:
नफीस खान का कहना है कि उन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर अपनी जान बचाई। वहां शिकायत दर्ज कराने के बाद उन्होंने 112 कंट्रोल रूम को सूचना दी और उन्नाव कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया।
अलीशा अंसारी पर आरोप:
अलीशा अंसारी और उनके गैंग पर पहले से ही लूट, चोरी, और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। आरोप है कि अलीशा ने अपनी सौतेली बहन के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वकील के रूप में पहचान बनाई है। पत्रकार नफीस खान ने उनके काले कारनामों को उजागर किया, जिसके बाद उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए।
प्रशासन पर सवाल:
पत्रकार ने बार-बार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीजीपी और पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर मामले की शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पत्रकारों की सुरक्षा पर उठे सवाल:
जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं, वहीं उन्नाव की यह घटना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है।
क्या होगी कार्रवाई?
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर, जिनकी पहचान तेजतर्रार अधिकारी के रूप में होती है, इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं। बार काउंसिल प्रयागराज द्वारा जारी निर्देशों का पालन होगा या पत्रकारों की सुरक्षा केवल कागजों तक सीमित रह जाएगी।
*प्रवीण सिंह चंदेल की रिपोर्ट*
Editor in Chief