आज सोशल मीडिया पर क्रांति कुमार द्वारा लिखे गए एक भावुक पोस्ट ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने गोपाल मिश्रा की कहानी को साझा करते हुए समाज की उस सच्चाई पर प्रकाश डाला, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
क्रांति कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा,
“गोपाल मिश्रा किसी आईएएस आईपीएस का बेटा नही था। गोपाल मिश्रा किसी नेता, मंत्री, विधायक या सांसद का बेटा नही था। गोपाल मिश्रा गरीब माँ का बेटा था। ब्यूरोक्रेट्स, उद्योगपति या नेता अपने बच्चों को कारसेवक या गौरक्षक नही बनाते। ना ही इनके बच्चे कावंड़ ढोते हैं। कुलीन लोग अपने बच्चों को सांप्रदायिक राजनीति से दूर रखते हैं। अपने बच्चों को व्यापार में सैट कर देते हैं।”
इस पोस्ट के ज़रिए क्रांति कुमार ने यह बात रेखांकित की है कि समाज के गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग अक्सर ऐसी गतिविधियों में सम्मिलित हो जाते हैं, जिनसे वे खुद को या अपने परिवार को नुकसान पहुंचा बैठते हैं। उन्होंने गोपाल मिश्रा के बारे में लिखा कि वह इन सब बातों को समझ नहीं सका। गोपाल मिश्रा की कहानी और भी दुखद है क्योंकि उनकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी और अब वह अपने पीछे अपनी पत्नी और बूढ़े माता-पिता को छोड़ गया है।
https://x.com/KraantiKumar/status/1845876420121108665?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1845876420121108665%7Ctwgr%5E9446a9c042de795b98d3f24a9507db61d798a69f%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fapi-news.dailyhunt.in%2F
ये पोस्ट एक कहानी नहीं, युवाओं के लिए चेतावनी है
यह पोस्ट सिर्फ गोपाल मिश्रा की कहानी तक सीमित नहीं है। यह उन सभी युवाओं के लिए एक चेतावनी है जो सांप्रदायिक राजनीति या हिंसक गतिविधियों में लिप्त होकर अपने और अपने परिवार का भविष्य दांव पर लगा देते हैं। क्रांति कुमार ने इस पोस्ट के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया है कि नेताओं और बड़े घरानों के बच्चे कभी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होते, जबकि आम और गरीब वर्ग के लोग इन गतिविधियों में उलझ कर अपने जीवन को बर्बाद कर बैठते हैं।
सामाजिक बहस को जन्म दे सकता है क्रांति कुमार का यह पोस्ट
क्रांति कुमार की यह पोस्ट व्यापक चर्चा का विषय बन चुकी है। लोग इस पर अपने-अपने विचार साझा कर रहे हैं। कुछ इसे सच्चाई का आईना बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे एक राजनीतिक टिप्पणी के रूप में देख रहे हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि गोपाल मिश्रा की मृत्यु और क्रांति कुमार की यह पोस्ट एक बड़ी सामाजिक बहस को जन्म दे चुकी है।
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