गुरुग्राम/स्वराज टुडे: गुरुग्राम जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां 34 वर्षीय एक युवक ने सातवीं क्लास में पढ़ने वाली किशोरी से दोस्ती कर दुष्कर्म किया। आरोपी की करतूत का खुलासा तब हुआ जब लड़की गर्भवती हो गई और उसने 9 महीने बाद एक बच्चे को जन्म दिया।पुलिस को अस्पताल से घटना की जानकारी मिली।
पुलिस ने किशोरी के पिता की शिकायत पर गुरुग्राम सेक्टर-10ए थाने में मामला दर्ज कर आरोपी राजेश, निवासी अयोध्या उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
किशोरी के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी 15 वर्षीय बेटी एक निजी स्कूल की सातवीं क्लास में पढ़ाई करती है और वह मजदूरी का काम करता है। वह बीते कई सालों से सेक्टर-10ए थाना इलाके में किराये पर रह रहे थे। किराये की बिल्डिंग में ही 34 वर्षीय राजेश भी रहता था और वह निजी कंपनी में काम करता है।
जनवरी में युवक ने किशोरी से दोस्ती की और उसके बाद अपने कमरे में ही उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद किशोरी गभर्वती हो गई थी। इस घटना के बाद आरोपी वहां से मकान खाली कर दूसरी जगह चला गया था। हाल ही में किशोरी के पेट में तेज दर्द हुआ तो परिजन उसे सिविल अस्पताल ले गए, यहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया।
अस्पताल प्रशासन ने थाने को दी थी सूचना
अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। सेक्टर-10ए थाना पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर उसके परिजनों के बयान दर्ज किए। सेक्टर-10ए थाना कुदलीप कुमार ने बताया कि शिकायत पर संबंधित धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। चूंकि मामला संवेदनशील था। पुलिस की एक विशेष टीम गठित की गई थी।
मोबाइल के लोकेशन से पकड़ा गया आरोपी
पुलिस ने किशोरी से मिली जानकारी और मोबाइल लोकेशन की मदद के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने पीड़िता की मासूमियत का फायदा उठाया और उसे डरा-धमकाकर चुप रखा। फिलहाल पुलिस आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है।
बच्चियों की सुरक्षा में माता-पिता की अहम भूमिका
माता-पिता की जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण है जब बात उनके बच्चों की सुरक्षा और भलाई की होती है, खासकर यौन शोषण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर माता-पिता ध्यान दे सकते हैं:
1. खुले संवाद: अपने बच्चों के साथ खुला और ईमानदार संवाद बनाए रखें। उन्हें अपने शरीर के बारे में सिखाएं और उन्हें बताएं कि वे कभी भी आपके पास आ सकते हैं अगर उन्हें कुछ गलत लगता है।
2. शिक्षा और जागरूकता: अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच के अलावा यौन शोषण के बारे में शिक्षित करें। उन्हें सिखाएं कि उनके शरीर पर उनका अधिकार है और कोई भी उन्हें छूने की कोशिश नहीं कर सकता बिना उनकी अनुमति के।
3. सुरक्षा के तरीके: अपने बच्चों को सिखाएं कि वे अजनबियों से सावधान रहें और अकेले कहीं न जाएं। किसी दोस्त के बुलाने पर अकेले में मिलने कहीं ना जाएं । उन्हें यह भी सिखाएं कि वे कैसे सुरक्षित रह सकते हैं ।
4. संकेतों को पहचानना: अपने बच्चों के व्यवहार में बदलावों को पहचानने की कोशिश करें। अगर वे अचानक से अलग व्यवहार करने लगते हैं या कुछ छुपाने की कोशिश करते हैं, तो उनसे बात करें।
5. सुरक्षित वातावरण: अपने घर में एक सुरक्षित और समर्थ वातावरण बनाएं जहां बच्चे अपने अनुभवों और भावनाओं को साझा करने में सहज महसूस करें।
6. निगरानी और समर्थन: अपने बच्चों पर नजर रखें और उन्हें समर्थन दें। अगर आपको लगता है कि कुछ गलत हो रहा है, तो तुरंत कार्रवाई करें और आवश्यक मदद लें।
7. शिक्षकों और देखभाल करने वालों से बात करना: अपने बच्चों के शिक्षकों और देखभाल करने वालों से बात करें और उन्हें बताएं कि आप अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
इन बातों का पालन करके, माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं और उन्हें यौन शोषण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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