शिमला/स्वराज टुडे: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बादल फटने और भारी बारिश से भयंकर तबाही मची हुई है। शिमला, मंडी और कुल्लू तीनों जगहों पर कई घर बर्बाद हो गए हैं। आधिकारिक तौर पर अब तक 8 लोगों की मौत हुई और 50 से लोग लापता हैं जिनकी युद्ध स्तर पर तलाश जारी है, लेकिन फिलहाल इनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का भी जायजा लिया है। सीएम सुक्खू ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर लिखा, ”प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को खत्म कर दिया है। प्रदेश के लिए यह कठिन समय है। हमारी सरकार इस कठिन समय में प्रभावित लोगों के साथ है और पूरी तत्परता से राहत कार्यों में जुटी है।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का भी जायजा लिया है। सीएम सुक्खू ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर लिखा, ”प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को खत्म कर दिया है। प्रदेश के लिए यह कठिन समय है। हमारी सरकार इस कठिन समय में प्रभावित लोगों के साथ है और पूरी तत्परता से राहत कार्यों में जुटी है।”
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्रों में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ के बाद शनिवार को कुल 53 लोग लापता हैं और आठ शव बरामद किए गए हैं।
CM सुक्खू बोले- लापता लोगों के मिलने की उम्मीद बहुत कम है
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि, लापता लोगों के मिलने की उम्मीद बहुत कम है। इस आपदा की वजह से 7-8 बच्चे हम सब को छोड़कर चले गए और 16 से 17 हमारी माताएं-बहनें इस दुनिया में नहीं रही हैं।
सीएम सुक्खू ने कहा है कि, इस त्रासदी में जो भी घर तबाह हो गए हैं, उनके लिए हमने घोषणाएं की हैं। जिनके भी किराए का मकान टूटा है सरकार किराए के लिए 5000 रुपये देगी। वहीं 3 महीने तक उनको किराया सरकार देगी और खाना पीना भी देगी। उन्होंने ये भी कहा है कि इन परिवारों को बसाने के लिए जल्द ही आपदा राहत पैकेज देने की भी घोषणा की जाएगी।
पीड़ितों ने बताई अपनी आपबीती
इस तबाही के बीच समेज गांव की अनीता देवी ने अपनी दिल दहला देने वाली कहानी साझा की, जिसमें आपदा की गंभीरता को दर्शाया गया है। समेज गांव की निवासी अनीता देवी ने बताया कि बुधवार की रात जब वह और उनका परिवार सो रहे थे, तभी एक जोरदार धमाके से उनका घर हिल गया। उन्होंने कहा, “जब हमने बाहर देखा तो पूरा गांव बह गया था। हम गांव के भगवती काली माता मंदिर में भाग गए और पूरी रात वहीं बिताई।” बोलते समय उनकी आवाज भावुकता से कांप रही थी।
अनीता ने आगे कहा, “केवल हमारा घर ही तबाही से बच गया, लेकिन बाकी सब कुछ मेरी आंखों के सामने बह गया। अब मुझे नहीं पता कि मुझे किसके साथ रहना चाहिए।”
एक अन्य मार्मिक घटना में समेज गांव के बुजुर्ग निवासी बख्शी राम ने अपना दुख साझा किया। आंखों में आंसू भरकर उन्होंने कहा,
“मेरे परिवार के करीब 14 से 15 लोग बाढ़ में बह गए। मुझे बाढ़ की खबर सुबह 2 बजे मिली और मैं उस समय रामपुर में था, इसलिए मैं बच गया। जब मैं सुबह 4 बजे यहां पहुंचा तो सब कुछ नष्ट हो चुका था। अब मैं अपने प्रियजनों की तलाश कर रहा हूं, उम्मीद है कि कोई अभी भी जीवित होगा।”
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