रातोंरात अपना हो जाएगा POK, बस पीएम मोदी को करना होगा ये काम, जयशंकर के बाद उमर अब्‍दुल्‍ला ने द‍िए संकेत

- Advertisement -

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: क्या पाक‍िस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्मीर (POK) अपना होने वाला है? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक दिन पहले कहा था क‍ि अब सिर्फ पीओके को भारत में मिलाना बाकी है. इसके बाद कश्मीर से जुड़े सारे विवाद खत्‍म हो जाएंगे.

इसके कुछ ही घंटे बाद जम्‍मू कश्मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने भी वही बात कह डाली. उन्‍होंने कहा, कारग‍िल युद्ध के समय पीओके पर कब्‍जा करने का अच्‍छा मौका था.केंद्र सरकार को पीओके वापस लेने से किसी ने नहीं रोका है. हमने कारगिल युद्ध के दौरान पीओके वापस ले लिया था. हम फिर से कोशिश करें और इसे वापस लें. हमें इसका वो हिस्सा भी लेना चाहिए, जो चीन ने कब्जा कर रखा है. तो सच में भारत पीओके को मिलाने वाला है? अगर ऐसा है तो भारत को क्‍या करना पड़ेगा?

पीओके को हास‍िल करने के लिए भारत को कई स्‍ट्रेटजी पर काम करना होगा. इसमें कूटनीतिक, सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक पहलू शामिल हैं. जिसकी शुरुआत पीएम मोदी ने कुछ साल पहले ही कर दी है. पाक‍िस्‍तान की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी है. उसके पास इतने हथ‍ियार-असलहा नहीं क‍ि वो कुछ द‍िन की जंग झेल सके. चीन को छोड़कर कोई दोस्‍त नहीं, जो उसे मदद कर सके. इंटरनेशनल कम्‍युनिटी में उसकी इज्‍जत नहीं बची. आतंक‍िस्‍तान होने की वजह से इंटरनेशनल एजेंसियां भी दूरी बना रही हैं.

तो फ‍िर पीओके को कैसे हास‍िल करेगा भारत?

1. कूटनीति

  • अंतर्राष्ट्रीय मंचों (संयुक्त राष्ट्र, जी20, एससीओ, आदि) पर यह मामला उठाना कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है और इसे वापस लिया जाना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर की लीडरश‍िप में यह काम कई वर्षों से चल रहा है.
  • दुन‍िया को बताया क‍ि पाक‍िस्‍तान क‍िस तरह आतंक‍ियों का समर्थन करता है. उसे धन मुहैया कराता है. वहां आतंकी कैंप बने हुए हैं. इन सबको उजागर पाक‍िस्‍तान को सरकार बेनकाब कर सकती है. ये भी वर्षों से चल रहा है.
  • पाक‍िस्‍तान ऑक्‍यूपाइड कश्मीर के निवासियों के बीच भारत के प्रति समर्थन को बढ़ावा देना, जिससे भारत के साथ एकीकरण की मांग को बढ़ावा मिल सके. भारत की इसमें जरूरत नहीं, वहां के लोग खुद भारत के साथ आने को बेताब.
यह भी पढ़ें :  विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे पर लटकती मिली लाश

2. सैन्य कार्रवाई:

  • 2016 और 2019 में ज‍िस तरह भारत ने आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, ठीक उसी तरह की एयरस्‍ट्राइक करके भी पीओके को हास‍िल क‍िया जा सकता है.
  • अगर स्थिति अनुकूल हो और पाकिस्तान कमजोर हो, तो पूर्ण सैन्य कार्रवाई करके पीओके पर नियंत्रण स्थापित क‍िया जा सकता है. ऐसी स्‍थि‍त‍ि में पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए स्थानीय विद्रोहों (जैसे बलूच अलगाववादियों) भारत का साथ दे सकते हैं.

3. पाकिस्तान के हालात का फायदा उठाना

  • पाक‍िस्‍तान में तख्‍तापलट नई बात नहीं है. वहां की अर्थव्‍यवस्‍था चौपट हो गई है. अलगाववादी आंदोलनों (बलूचिस्तान, सिंध, खैबर-पख्तूनख्वा) की वजह से सेना कमजोर होने लगी है. ऐसी स्‍थ‍िति‍ में अगर कोई आक्रमण होता है तो पाक‍िस्‍तान उसे संभाल नहीं पाएगा.
  • संसद के माध्यम से यह घोषित करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है और इसे पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी विकल्पों का पता लगाया जाएगा.

4. आर्थिक और साइबर हमले

  • व्यापार प्रतिबंध और जल संसाधनों तक पहुंच को प्रतिबंधित करके पाकिस्तान की पहले से ही नाजुक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाने से भी पाक‍िस्‍तान घुटनों पर आ सकता है और खुद पीओके सौंपने पर मजबूर हो सकता है.
  • साइबर हमलों का उपयोग करके पाकिस्तान की रक्षा और संचार प्रणालियों को बाधित करना, संभावित रूप से भविष्य के संघर्षों में एक रणनीतिक लाभ प्रदान कर सकता है.

यह भी पढ़ें:दिव्यांग पति को पीठ पर लादकर सीएमओ ऑफिस पहुंची थी पत्नी, वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर समेत तीन सस्पेंड

यह भी पढ़ें:बेटे-बहू ने चप्पलों से पीटा, व्यथित होकर पांचवीं मंजिल से कूदा 67 साल का बुजुर्ग, सुसाइड नोट में लिखी दर्दनाक कहानी

यह भी पढ़ें :  RKM पावर हादसा: पहली बार प्लांट मालिकों व निदेशकों पर अपराध दर्ज, सक्ती पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लिफ्ट गिरने से 4 मजदूरों की मौत, 6 घायल

यह भी पढ़ें: सड़क किनारे महिला की लाश मिलने से मचा हड़कंप, हाथों पर पट्टी, शरीर पर नाइटी, पैरों में ठोंकी गई थीं कीलें

 

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

Related News

- Advertisement -