भारत में HMPV वायरस के सामने आये 14 केसः स्वास्थ्य मंत्रालय का बडा ऐक्शन, पूरे देश में अलर्ट

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नई दिल्ली/स्वराज टुडे: दिल्ली के अस्पतालों में HMPV वायरस के अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं। कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के देश में कुल 14 मामले हो गए हैं। सबसे ज्यादा 4 मामले गुजरात में हैं। शुक्रवार को राजस्थान और गुजरात में एक-एक केस मिला। बारां में एक 6 महीने की बच्ची HMPV से संक्रमित हुई हैं। वहीं अहमदाबाद में 9 महीने का बच्चा HMPV पॉजिटिव आया।

इससे पहले गुरुवार को 3 केस मिले थे। इनमें लखनऊ में 60 साल की महिला, गुजरात के अहमदाबाद में 80 साल का बुजुर्ग और हिम्मतनगर में 7 साल का बच्चा शामिल है। तीनों का इलाज चल रहा है।

HMPV केस बढ़ने पर अब राज्यों ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। इधर गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग को HMPV केसेस पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं।

छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित HMPV संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केंद्र ने राज्यों को ‘इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस’ और ‘सीवर एक्यूट रेस्परेट्री इश्यूज’ जैसी सांस की बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य मंत्री नड्डा बोले- HMPV कोई नया वायरस नहीं

विशेषज्ञों ने यह कहा है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। 2001 में इसकी पहली बार पहचान हुई थी। इसके बाद ये दुनिया में फैला। ये सांस लेने से फैलता है, हवा के माध्यम से फैलता है। ये सभी ऐज ग्रुप के लोगों पर असर करता है। WHO हालात पर नजर बनाए हुए है और हमसे जल्द ही रिपोर्ट शेयर की जाएगी।

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केंद्र सरकार ने कहा था- सर्दी में HMPV का इन्फेक्शन आम चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच इमरजेंसी जैसे हालात बनने की बात कही गई थी। हालांकि भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। इसके बाद सरकार ने कहा था कि सर्दी के मौसम में फ्लू जैसी स्थिति असामान्य नहीं है। चीन के मामलों पर भी नजर रखे हुए हैं और सरकार इनसे निपटने के लिए तैयार है-

देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV हैं। इस मौसम में ये इन्फ्लूएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही WHO से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है।

सरकार बोली- फ्लू जैसी बीमारियों की जांच के लिए सिस्टम मौजूद सरकार ने कहा कि भारत में ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है।

हालांकि यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर ICMR, HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा।

AIIMS के पूर्व डायरेक्टर बोले- HMPV का इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं AIIMS के पूर्व डॉयरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। वायरस आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता है। इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता। उन्होंने लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी। साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने को कहा।

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कोविड Rx एक्सचेंज के फाउंडर बोले- HMPV साधारण संक्रमण जैसाअमेरिकी राज्य टेक्सास के डालस में CovidRxExchange के फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. शशांक हेडा ने भास्कर को बताया कि मीडिया इस वायरस को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर चिंता की स्थिति दिखा रहा है। जबकि, आंकड़े बताते हैं कि अचानक से अस्पतालों में लोगों के बढ़ने का कारण सिर्फ HMPV नहीं है, बल्कि कई अन्य वायरल संक्रमण हैं।

HMPV जैसे वायरस आमतौर पर इस मौसम में अस्थायी रूप से फैलते हैं। कुछ समय बाद इनके मामलों में स्वाभाविक तौर पर गिरावट आ जाती है। इसलिए अस्पताल में ज्यादा लोगों के भर्ती होने का यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाएं फेल हो गई हैं।

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दीपक साहू

संपादक

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